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अब तक 7.36 लाख लोगों ने खाई फाइलेरिया रोधी दवा

by Tejas Khabar
अब तक 7.36 लाख लोगों ने खाई फाइलेरिया रोधी दवा
  • लक्ष्य के सापेक्ष अब तक कुल 92 प्रतिशत आबादी कर चुकी दवा का सेवन
  • इनकार करने वाले 47.6 प्रतिशत लोगों को जागरूक कर खिलाई गई दवा
  • सीएमओ की अपील – पूरी तरह सुरक्षित है दवा, खाने से न करें इनकार

औरया | जनपद में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सामूहिक दवा सेवन (एमडीए) अभियान के तहत समुदाय को जागरूक कर दवा खिलाई जा रही है। एमडीए अभियान दस अगस्त से चल रहा है। स्वास्थ्यकर्मी समस्त ब्लाक में दवा खाने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं। स्वास्थ्य कर्मी दवा सेवन से इनकार करने वाले कई परिवारों को बीमारी की गंभीरता समझाते हुए अपने सामने दवा खिलवा रहें हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ सुनील कुमार वर्मा ने अपील की है कि बिना किसी डर या भ्रांति के दवा का सेवन करें। यह दवा पूरी तरह से सुरक्षित है। फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है। एमडीए दवा सेवन से ही इसका बचाव किया जा सकता है।

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फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के नोडल व उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राकेश सिंह ने बताया – यह अभियान 28 अगस्त तक चलेगा। अभियान को सफल बनाने के लिए विभागीय स्वास्थ्यकर्मी लोगों को फाइलेरिया की गंभीरता और इससे बचाव के बारे में जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 10 अगस्त से अब तक जनपद में लक्ष्य के सापेक्ष 91.8 फीसदी यानि कुल 7.36 लाख लोग फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन कर चुके हैं। जबकि दवा खाने से इनकार करने वाले 47.6 प्रतिशत लोगों को जागरूक कर दवा खिलाई जा चुकी है।

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उन्होंने बताया कि नगर व ग्रामीण के कुछ क्षेत्रों में दवा खाने को लेकर भ्रांतियां देखने को मिल रही हैं लेकिन व्यवहार परिवर्तन होने के बाद उन्होंने भी दवा का सेवन किया है। इस तरह की चुनौतियां के चलते वह स्वयं स्वास्थ्यकर्मियों के साथ संबंधित क्षेत्र में भ्रमण कर समुदाय को जागरूक कर रहे हैं। अभियान शुरू होने से पहले प्रचार-प्रसार होने की वजह से लोगों में काफी जागरूकता आई है। साथ ही समुदाय को जागरूक करने में पीसीआई और पाथ संस्था महत्वपूर्ण सहयोग कर रही हैं। सभी ग्रामीण क्षेत्रों में आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, कोटेदार, शिक्षक, ग्राम प्रधान आदि लोगों को दवा खाने के लिए जागरूक कर रहे है। जन जागरूकता रैली, पोस्टर, बैनर, पम्फलेट आदि प्रचार-प्रसार सामग्री से भी समुदाय को जागरूक करने में मदद मिल रही है।

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पहले किया इनकार, फिर खाई दवा – अछल्दा ब्लॉक के औतों गाँव में आशा कार्यकर्ता फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाने के लिए वहाँ पहुंची तो कुछ परिवार के सदस्यों ने दवा खाने से इनकार कर दिया। उनके मन में यही सवाल था कि जब हमें कोई बीमारी नहीं है तो हम यह दवा क्यों खाएं? इसके बाद आशा कार्यकर्ता ने उन्हें समझाया कि यह ऐसी बीमारी है जिसके लक्षण पांच से 15 साल में दिखते हैं। यदि हम लगातार पाँच साल तक साल में एक बार दवा का सेवन करेंगे तो सभी लोग इस बीमारी से बचे रहेंगे। यह दवा पूरी तरह से सुरक्षित है। भविष्य में किसी को यह बीमारी न हो, इसके लिए यह दवा खिलाई जा रही है। इसके बाद बात समझ में आयी और फिर सभी ने दवा खाई।

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