औरैया जनपद स्थित गेल डी ए वी पब्लिक स्कूल गेल गांव दिबियापुर में गत एक सप्ताह से चल रहे संस्कृत सप्ताह का समापन समारोह आज दिनाङ्क 27.08.2024 को बड़े हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ।इस अवसर पर छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुति की गई।
कार्यक्रम का शुभारम्भ ज्ञानपुञ्ज स्वरूप दीप प्रज्ज्वलन तथा वाग्देवी भगवती सरस्वती की वन्दना के साथ हुआ। सरस्वती वन्दना दशमी कक्षा की छात्रा तनिमा विस्वाल ने या कुन्देन्दु-तुषारहारधवला या शुभ्र वस्त्रावृता अपनी सुमधुर वाणी में प्रस्तुत किया। हाथ में वीणा धारण करके सरस्वती स्वरूप में दशमी कक्षा की छात्रा स्वाति मञ्च पर उपस्थित रही।श्री कृष्णकटाक्षस्तोत्रम् अपनीअत्यन्त सुमधुर वाणी में गाकर आरुषि यादव कक्षा दशमी ने सबको कृष्णभक्ति में लीन कर दिया। विशाखा ने संस्कृत भाषा के महत्व पर अपना सारगर्भित भाषण तथा प्रतिपल मम संस्मरणम् फिल्मी गीत संस्कृत में प्रस्तुत किया।
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कक्षा नवमी की छात्रा दिव्या राजपूत ने प्रियं भारतं तत् सदा वन्दनीयम् संस्कृत गीत प्रस्तुत किया।अष्टमी कक्षा के छात्रों ने कालिदासो जने जने कण्ठे कण्ठे संस्कृतम् गीत गाया। जहां नवमी कक्षा के छात्र-छात्राओं ने अनेकता में एकता हिन्द की विशेषता को चरितार्थ करते
हुए विभिन्न राज्यों की वेश-भूषा धारण करके भारते नास्ति मे जीवनं जीवनम् संस्कृत गीत की सङ्गीतमय प्रस्तुति देकर सबका ध्यान आकर्षित किया। वहीं दशमी कक्षा के छात्र-छात्राओं ने सरल भाषा संस्कृतम् सरस भाषा संस्कृतम् की सङ्गीतमय मनमोहक प्रस्तुति दिया जिससे सारा सदन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
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विद्यार्थियों के लिए गीता, संस्कृतसाहित्य तथा व्याकरण पर आधारित प्रश्नोत्तरी संस्कृत भाषा में आयोजित की गई जिसमें छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। इस अवसर पर संस्कृत विभाग द्वारा आयोजित संस्कृत प्रतिभा खोज परीक्षा का परिणाम भी घोषित किया गया जिसमें नवमी कक्षा की छात्राएं अदिति उपाध्याय प्रथम ,अनुष्का सिंह द्वितीय तथा तन्वी दास ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।दशमी कक्षा में दक्षिता सोनी प्रथम ,उर्वी सेंगर तथा विशाखा ने द्वितीय तथा श्रेयांश अग्रवाल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। सभी विजेताओं को प्रमाणपत्र के साथ पुरस्कार स्वरूप उपहार प्रदान किया गया।विद्यालय के सङ्गीत शिक्षक श्री पी डी शर्मा जी के निर्देशन में आराध्य , रेयांश तथा साईं प्रीतम ने हारमोनियम तथा तबले पर संगति दी। संस्कृत सप्ताह का शुभारम्भ 20 अगस्त को वैदिक यज्ञ के साथ हुआ था ।
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पूरे सप्ताह प्रात:कालीन प्रार्थना सभा में छात्रों ने सुविचार ,समाचार, प्रश्नोत्तरी,नूतन शब्द तथा प्रतिज्ञा आदि सभी संस्कृत में प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों का स्वागत करती हुए विद्यालय की यशस्विनी प्रधानाचार्या श्रीमती दीपा शरण ने अपना उद्बोधन संस्कृत से प्रारम्भ किया तथा कहा कि संस्कृत भाषा प्राचीनतम भाषा होते हुए भी आज के वर्तमान परिप्रेक्ष्य में नवीनतम तथा अत्यन्त उपयोगी है।आगे उन्होंने संस्कृत भाषा को अत्यन्त शुद्ध,परिष्कृत , वैज्ञानिक सभी भाषाओं की जननी और मानवीय मूल्यों की संवाहिका बताया तथा संस्कृत पढ़ने की महत्ता पर बल दिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वी जी एम डिग्री कालेज दिबियापुर के प्राचार्य डाॅ इकरार अहमद ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में संस्कृत भाषा को ज्ञान-विज्ञान की भाषा बताते हुए इसे जन -जन तक पहुंचाने का संकल्प दोहराया। अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए संस्कृत -विभागाध्यक्ष पण्डित सुधाकर भट्ट ने संस्कृत को दिव्य, अलौकिक, अप्रतिम,सरल,सरस तथा संस्काराणां जननी कहा।
इस अवसर पर उन्होंने अतिथियों को अपना अमूल्य समय देने तथा विद्यालय की प्रधानाचार्या,शिक्षक -शिक्षिकाओं, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों एवं छात्र -छात्राओं के सहयोग की भरपूर सराहना की। वैदिक शान्तिपाठ के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।