सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी से डायलिसिस पर निर्भर मरीजों के लिए बड़ी राहत की खबर
शिवम दुबे, इटावा: सैफई चिकित्सा विश्वविद्यालय में नाॅन-कोविड मरीजों की डायलिसिस की वैकल्पिक व्यवस्था ट्रामा एवं इमर्जेंसी के भू-तल पर शुरू हो गयी है। यह जानकारी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 डा0 राजकुमार ने दी। उन्होंने बताया कि पूर्व में पुरानी इमर्जेंसी बिल्डिंग में स्थित डायलिसिस सेंटर में रोजाना 40 से 50 मरीजों की डायलिसिस की जाती थी। इस बिल्डिंग को कोविड.19 अस्पताल बनाने के बाद डायलिसिस सेंटर को ट्रामा एण्ड इमरजेंसी बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर शिफ्ट करने के लिए लाॅक डाउन के बावजूद युद्धस्तर पर काम करके नया आरओ प्लांट लगा दिया गया है। चूंकि गुर्दे के मरीजों का जीवन डायलिसिस पर निर्भर होता है इसलिए इस इमरजेंसी प्रोसीजर को अबतक मेडिकल आईसीयू में स्थित मशीनों पर 24 घंटे किया जा रहा था जिसके लिए 3 शिफ्टों में चिकित्सक एवं टेक्नीशियनों की ड्यूटी लगायी गयी थी।
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ट्रामा व इमरजेंसी के भूतल पर शिफ्ट हुईं 15 डायलिसिस मशीनें
अब वैकल्पिक व्यवस्था के अन्तर्गत 15 डायलिसिस मशीने ट्रामा एवं इमर्जेंसी के भू-तल पर शिफ्ट कर दी गयी हैं एवं 04 डायलिसिस मशीने कोविड-19 अस्पताल में कोविड पाॅजिटिव मरीजों के लिए चिन्हित कर दी गयी हैं। पूर्व की तरह गुर्दे के मरीजों की डायलिसिस 09 बजे से 05 बजे के मध्य दो शिफ्टों में की जाएगी।
डायलिसिस हेल्पलाइन नंबर जारी
सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के डायलिसिस सेंटर के इंचार्ज एवं मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर मनोज कुमार ने बताया कि शासनादेश के अनुपालन में गुर्दे के मरीजों के डायलिसिस के लिए यह वैकल्पिक व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू की जा रही है। डायलिसिस के लिए सैफई विश्वविद्यालय द्वारा 24×7 डायलिसिस हेल्पलाइन नंबर 05688-276568 रिलीज किया गया है जिस पर मरीज फोन करके डायलिसिस से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव सुरेश चन्द्र शर्मा ने बताया कि यह व्यवस्था गुर्दे के मरीजों के लिए बहुत मददगार साबित होगा। उन्होंने आग्रह किया कि मरीज लॉक डाउन के नियमों का पालन करते हुए सिर्फ एक अटेंडेंट के साथ तय दिनांक एवं समय पर डायलिसिस के लिए रिपोर्ट करें एवं अस्पताल प्रशासन की मदद करें।
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