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विश्वसनीयता की कसौटी पर सबसे खरा है प्रिंट मीडिया

विश्वसनीयता की कसौटी पर सबसे खरा है प्रिंट मीडिया

विश्वसनीयता की कसौटी पर सबसे खरा है प्रिंट मीडिया

कन्नौज । उत्तर प्रदेश के कन्नौज में मंगलवार को हिन्दी पत्रकारिता दिवस के मौके पर वक्ताओं ने कहा कि मीडिया के विभिन्न माध्यमों के आने के बावजूद समाचार पत्र और पत्रिकाओं की विश्वनीयता और प्रासंगिकता आज भी बरकरार है। कान्यकुब्ज पत्रकार समिति के तत्वावधान में ‘इलेक्ट्रानिक मीडिया के बढ़ते प्रभाव से प्रिंट मीडिया पर खतरा’ विषय पर आयोजित एक परिचर्चा में वक्ताओं ने अपने विचार प्रकट किये। पत्रकार अभिषेक दुबे ने स्वलिखित काव्य रचना के प्रस्तुति करण के साथ ही पूरी दृढ़ता के साथ कहा कि हिन्दी समाचार पत्रों की विश्वसनीयता तथा आवश्यकता स्वतंत्रता संग्राम काल से पूर्व सन 1826 से लेकर अब तक निरन्तर सूर्य के प्रकाश की भांति अक्षुण्ण बनी हुई है।

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एकल वरिष्ठ पत्रकार इरा अवस्थी ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिन्ट मीडिया परस्पर प्रतिस्पर्धा के वजाय एक दूसरे के पूरक हैं। वरिष्ठ पत्रकार तारिक इकवाल ने आज के सामायिक विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया समाचारों के ब्रेकिंग अपडेट घटना के तात्कालिक प्रस्तुतिकरण का माध्यम मात्र है जबकि समाचार पत्र घटना का विस्तारपूर्वक विष्लेषण तथा समाधान और फालोअप की प्रस्तुति करता है। इसीलिये प्रिन्ट मीडिया और इलेक्ट्रािनिक मीडिया एक दूसरे के पूरक हैं।

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आज भी प्रमाण स्वरूप संसद और बिधान सभाओ में समाचार पत्रों की प्रतियां लहराई जाती हैं। इस अवसर पर विभिन्न मीडिया संस्थानों में कार्यरत पत्रकारों को प्रशस्ति पत्र,प्रतीक चिन्ह और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। सेवानिवृत्त अपर जिला जज एम पी सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की जबकि संचालन पत्रकार मनोज कुमार शुक्ल ने किया। इस अवसर पर वयोवृद्ध पत्रकार शान्ति स्वरुप मिश्र, प्रशांत यादव, तारिक इकवाल, प्रमोद दुबे, शोभितकान्त मिश्र आदि मौजूद थे।

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