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गेल डीएवी में समर्पण दिवस पर आर्य समाज के नियमों पर चलने का लिया गया संकल्प

गेल डीएवी में समर्पण दिवस पर आर्य समाज के नियमों पर चलने का लिया गया संकल्प

दिबियापुर। गेल डीएवी पब्लिक स्कूल में शुक्रवार महात्मा हंसराज के १६१वें जन्मदिवस पर उन्हें समारोह पूर्वक श्रद्धांजलि दी गई। देश भर में डीएवी संस्थान इस दिन को समर्पण दिवस के रूप में मनाते हैं। विद्यालय में इस अवसर पर विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया । विद्यार्थियों ने महात्मा हंसराज के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। श्रद्धा की स्वरचित कविता, अक्षिता की हंसराज पर प्रश्नावली, पूर्वा द्वारा महात्मा हंसराज का जीवन परिचय विशेष आकर्षण का केंद्र रहे । संचालन अरिक्ता और देवांश ने किया।

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विद्यार्थियों द्वारा सामूहिक भजन की प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया। इस अवसर पर संबोधित करते हुए प्राचार्या दीपा शरण ने महात्मा हंसराज के जीवन से प्रेरणा लेने और जीवन में आर्य समाज के नियमों का पालन करने पर बल दिया। उन्होंने बताया की किस प्रकार महात्मा हंसराज ने आजीवन डीएवी के प्रधानाचार्य रहते हुए अवैतनिक रूप से कार्य किया और अपने जीवन को डीएवी और आर्यसमाज आंदोलन को समर्पित कर दिया।

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इस अवसर पर विद्यालय में विशेष वैदिक हवन का भी आयोजन किया गया जिसमे समस्त डीएवी शिक्षकों और विद्यार्थियों ने भाग लिया और विश्व कल्याण की कामना की। महात्मा हंसराज का जन्म १८६४ को ब्रिटिश भारत के पंजाब के होशियारपुर में हुआ था , उन्होंने महर्षि दयानंद से प्रभावित हो कर अपना पूरा जीवन डीएवी और आर्य समाज को समर्पित कर दिया।

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