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कोरोना के कारण ईदगाह में नहीं हुई नमाज़,सादगी से मनाई गई ईद

कोरोना के कारण ईदगाह में नहीं हुई नमाज़,सादगी से मनाई गई ईद
कोरोना के कारण ईदगाह में नहीं हुई नमाज़,सादगी से मनाई गई ईद

फफूंद । कोरोना महामारी के फ़ैलाव को रोकने के लिए लगाये गए लाकडाउन के चलते पिछली ईद की तरह इस साल भी ईद का त्यौहार नहीं मनाया जा सका और ईदगाह में ईद की नमाज़ न होने से नौजवानों व बच्चों में मायूसी देखने को मिली । लोगो ने गले मिलने और हाथ मिलाकर मुबारकबाद देने से भी परहेज किया । ईद के दिन भी मुस्लिम समुदाय में ईद के त्यौहार का कोई उत्साह नजर नहीं आया।

पवित्र माह रमजान के तीस रोज़े के बाद मनाये जाने वाले ईद के त्यौहार पर मुस्लिम समुदाय में काफी जोश ओ खरोश होता था प्रत्येक परिवार में ईद के त्यौहार की तैयारी ईद से कई दिन पहले से ही शुरु हो जाती थीं लेकिन पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी कोविड 19 महामारी के कारण ईद का त्यौहार फीका रहा।लाकडाउन के कारण ईदगाह में ईद की नमाज़ अदा नहीं की जा सकी हर वर्ष ईद के दिन गुलजार हो जाने वाला ईदगाह इस वर्ष भी सूना पड़ा रहा । महामारी के डर से ईद के दिन भी लोगों ने एक दूसरे से गले और हाथ मिलाकर भी मुबारकबाद देने से परहेज किया।लॉकडाउन की वजह से ईद के दिन ईदगाह पर एवं जगह जगह लगने वाले छोटे छोटे मेले भी नहीं लग सके जिससे बच्चे खेल खिलौने न खरीद पाने से मायूस रहे।हर वर्ष ईद के त्यौहार के दिन पुरुष महिलाएं और बच्चे नए कपड़ों में खुशी खुशी ईद की खुशियां मनाते थे तथा एक दूसरे से गले मिलते नजर आते थे

वहीँ इस वर्ष ईद के दिन कुछ ही लोग और बच्चे नए कपड़े पहने नज़र आये और लॉक डाउन की वजह से बढ़ी आर्थिक तंगी के चलते अधिकतर पुरुष महिलाएं तथा बच्चे नए कपड़े नहीं पहन सके । किसी के चेहरे पर ईद की खुशी के भाव नही दिखे त्यौहार का उत्साह नही दिखाई दिया।ईद मिलने के लिए एक दूसरों के घरों पर भी लोग नहीं गये । ईद के दिन गुलजार रहने वाली सड़के और गलियों में भी सन्नाटा छाया रहा। नगर की जामा मस्जिद आस्ताना आलिया में चंद लोगों के साथ ख़ानक़ाह के सज्जादा नशीन सैयद अख़्तर मियां चिश्ती की सरपरस्ती में नमाज़-ए-ईद अदा की गई और सामूहिक रूप से मस्जिद में लोगों के आने पर रोक लगा दी गयी थी।

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