Home देश उत्तराखंड आपदा में मृतकों की संख्या 65 हुई,कुमाऊं को 2000 करोड़ का नुकसान

उत्तराखंड आपदा में मृतकों की संख्या 65 हुई,कुमाऊं को 2000 करोड़ का नुकसान

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उत्तराखंड आपदा में मृतकों की संख्या 65 हुई,कुमाऊं को 2000 करोड़ का नुकसान
उत्तराखंड आपदा में मृतकों की संख्या 65 हुई,कुमाऊं को 2000 करोड़ का नुकसान

नैनीताल/कुमाऊं। उत्तराखंड आपदा में मृतकों की संख्या 65 हो गई है। अकेले कुमाऊं मंडल को आपदा के कहर से लगभग 2000 करोड़ का नुकसान पहुंचा है वहीं 61 लोगों की मौत हुई जबकि चार लोग अभी भी लापता हैं।

राज्य आपदा प्रबंधन केन्द्र से शुक्रवार को मिले ताजा आंकड़ों के अनुसार 17 से 19 अक्टूबर तक हुई मूसलाधार बारिश के कारण आई आपदा में अभी तक नौ जनपदों में 65 लोग जान गंवा चुके हैं और 22 घायल हुए हैं जबकि दो लोग अभी लापता हैं। नैनीताल जिले में सबसे अधिक 35 लोगों की जानें गईं हैं। इसी प्रकार चंपावत जनपद में 11, अल्मोड़ा में छह, उधमसिंह नगर में दो, पिथौरागढ़ में तीन और बागेश्वर जनपद में एक व्यक्ति की मौत हुई है। वहीं गढ़वाल मंडल के पौड़ी जनपद में तीन, चमोली में एक और उत्तरकाशी जिले में तीन लोगों ने जान गवांई है। चमोली में दो लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। यही नहीं प्रदेश में 60 मकानों को नुकसान पहुंचा हैं जिनमें से 15 पूरी तरह से भूस्खलन के फलस्वरूप आए मलबे की भेंट चढ़े हैं।

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दूसरी तरफ आपदा से राज्य को अरबों रुपए का नुकसान भी हुआ है। नैनीताल जनपद को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। यहां जिला प्रशासन की ओर से कराए गए आकलन के अनुसार 102 करोड़ से अधिक की क्षति हुई है। जिनमें सबसे अधिक सड़कों को नुकसान पहुंचा है।

कुमाऊं के आयुक्त (कमिश्नर) सुशील कुमार ने हल्द्वानी में शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि मंडल में फसलों को भी भारी क्षति हुई है और अभी उसका आकलन किया जा रहा है। नैनीताल जनपद को अकेले 201 करोड़ की क्षति पहुंची है। श्री कुमार ने बताया कि 17 से 21 अक्टूबर के बीच आयी आपदा में 7880 पर्यटक विभिन्न जगह फंस गये थे और युद्धस्तर पर राहत व बचाव कार्य चलाकर सभी को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
उन्होंने आगे बताया कि आपदा के दौरान कुछ बाहरी राज्यों के लोगों की मौत हो गयी थी। सरकार ने सभी के पार्थिव शरीर को उनके घर भेजने का निर्णय लिया और अभी तक पांच लोगों के पार्थिव शरीर उनके घर भेजे जा चुके हैं। इनमें तीन बिहार व दो उप्र के शामिल थे।

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उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश सरकार ने युद्धस्तर पर राहत व बचाव कार्य किया है और इसमें एक निजी हेलीकाप्टर समेत कुल आठ हेलीकाप्टर को लगाया गया। इसी के साथ ही राहत व बचाव कार्य में एनडीआरएफ की 17 टीमें, एसडीआरएफ की 10 टीमें, पुलिस के 1500 जवान, सेना की तीन यूनिट और वायु सेना के कुछ जवान जुटे रहे। वायु सेना के दो हेलीकाप्टरों से 100 पर्यटकों को कल गुंजी व तेदांग से सुरक्षित निकाला बाहर गया।
उन्होंने कहा मंडल में 61 लोग आपदा के शिकार हुए हैं। अभी भी चार लोग लापता हैं। जिनकी तलाश की जा रही है। आपदा से प्रभावित लोगों को विभिन्न स्थानों में ठहराया गया है। आपदा पीड़ितों के लिये 15 स्थानों में लंगर संचालित किया जा रहा है।

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