एनटीपीसी में बालिका सशक्तिकरण अभियान के बाद ग्रामीण बालिकाओं की भावभीनी विदाई
दिबियापुर (औरैया )। चार सप्ताह तक एनटीपीसी औरैया परिवार के साथ समय व्यतीत करने के पश्चात् बालिकाओं ने समापन समारोह सम्पन्न होने के उपरांत एनटीपीसी औरैया को अलविदा कहा। हंसी-खुशी एवं मुस्कुराहटों के साथ एनटीपीसी औरैया के आवासीय परिसर में रहने एवं एक माह तक प्रशिक्षण प्राप्त करने के दौरान समापन समारोह के दिन आँसुओं एवं मुस्कुराहटों के साथ छात्राओं ने औरैया परिवार से भावभिनी विदाई ली।
ज्ञात हो कि एनटीपीसी औरैया परियोजना में बीते 20 मई से 16 जून तक बालिका सशक्तिकरण अभियान प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें ग्रामीण परिवेश से आने वाली कक्षा 5वीं / 6वीं की 40 छात्राओं ने अपनी प्रतिभागिता सुनिश्चित की।
यह भी देखें : अजीतमल तहसील में सम्पूर्ण समाधान दिवस एसपी ने सुनी समस्याएं
जिसका मुख्य उद्देश्य, एनटीपीसी परियोजनाओं के आसपास के गाँवों की बालिकाओं को सशक्त, आवश्यक शिक्षा, स्वास्थ्य और आत्मरक्षा कार्यक्रमों के बारे में जागरूक करना है। एनटीपीसी द्वारा बालिका सशक्तीकरण अभियान (GEM) पहल कम्पनी की व्यापक स्तर पर सामाजिक दायित्व के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। आज के समय में शिक्षा प्रणाली के लिए यह आवश्यक है कि बालिकाओं को सामाजिक एवं भावनात्मक सोच एवं कौशल विकसित करने में सक्षम बनाया जाए। इसी को ध्यान में रखते हुए औरैया परियोजना में एक माह का बालिका सशक्तिकरण अभियान चलाया गया। इस अभियान के अंतर्गत बालिकाओं के सर्वांगीण विकास, स्वावलम्बी तथा उच्च शिक्षा की ओर अभिप्रेरित करने के मकसद से पूर्णतः निःशुल्क बाबासीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। नई- जून की अवधि के दौरान बीते 20 मई से 16 जून तक बालिकाओ के लिए विद्यालयीन पाठ्यक्रम से परे हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, साइंस, सोसल साइंस इत्यादि विषयों की तैयारी करायी गयी।
यह भी देखें : बारातियों से भरी कार बिजली पोल से टकराई
इसी क्रम में डांस म्यूजिक, योगा, स्वच्छता, आर्ट एवं क्राफ्ट के अतिरिक्त कम्प्यूटर, साइबर सिक्यूरिटी एवं आत्मरक्षा के अभ्यास भी कराये गये। बीच-बीच में उनके जीवन में एक नया आयाम जोड़ने हेतु विविध प्रकार की शिक्षाप्रद फिल्में दिखाई गयीं एवं कई कार्यक्रम कराए गये। एक माह तक चलने वाले बालिका सशक्तिकरण अभियान कार्यक्रम का शुक्रवार को समापन किया गया। समारोह का शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रवीण सक्सेना, क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक, उत्तरी क्षेत्र मुख्यालय, लखनऊ, परियोजना प्रमुख, एनटीपीसी औरैया, जसबीर सिंह अहलावत, अध्यक्षा जागृति महिला मंडल, सरोज अहलावत, सभी विभागाध्यक्षगणों द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया। समारोह में बालिकाओं द्वारा विविध कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये, जिसमें, नृत्य, गीत, आर्मी ऐक्ट, योगा अन्य इत्यादि कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। साथ ही क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक एवं परियोजना प्रमुख जसबीर सिंह अहलावत द्वारा बच्चों द्वारा बनाए गये आर्ट एवं क्राफ्ट का अवलोकन किया गया। इस अवसर पर विदाई भेंट के तौर पर सीएसआर नीति के तहत औरैया परियोजना के सौजन्य से बालिकाओं को सुगमतापूर्वक स्कूल आने-जाने के लिए साईकिलें वितरित की गयीं।
यह भी देखें : जल जनित बीमारियों से बचाव हेतु समस्त ग्रामों में जन जागरूकता कार्यक्रम
सभी ने विदा हो रही बच्चियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उनकी सफलता की कामना की। साथ ही बच्चियों को नम आँखों से विदा करते हुए उनसे भविष्य में अपने हुनर के साथ अपनी प्रतिभा और लगन की बदौलत अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शुभकामनाएँ दीं। मुख्य अतिथि क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक प्रवीण सक्सेना ने अपने उद्बोधन में एनटीपीसी औरैया के कार्यों को सराहते हुए उपस्थित बालिकाओं का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि वे अपने आपको लड़कों से कम न समझें, सदैव आगे बढ़ें। उन्होंनें तो यहाँ तक कहा कि इतना पढ़ो लिखो और कामयाब बनो कि आज मैं जिस मंच पर खड़े होकर भाषण दे रहा हूँ एक दिन तुम सब को इसी मंच पर बोलते हुए मैं सुनूँ।
परियोजना प्रमुख जसबीर सिंह अहलावत ने बताया कि हमारे लिए यह गौरव की बात है कि एनटीपीसी औरैया में ग्रामीण बालिकाओं के शिक्षा की जो मशाल जलाई गयी है वह अविराम जलती रहेगी तथा शिक्षित होकर बालिकाएँ रखें एक नया इतिहास, एनटीपीसी औरैया का रहेगा हर कदम पर यही प्रयास। समारोह में क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक, परियोजना प्रमुख, एनटीपीसी औरैया, अध्यक्षा जागृति महिला मंडल के साथ विभागाध्यक्षों, महासचिव जागृति महिला मंडल द्वारा बालिकाओं को प्रतिभागिता प्रमाण पत्र भी दिया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक, मी क्षेत्र मुख्यालय, लखनऊ, परियोजना प्रमुख जसवीर सिंह अहलावत, अध्यक्षा जागृति महिला मंडल, सरोज अहलावत, विभागाध्यक्ष, वरिष्ठ अधिकारी, जागृति महिला मण्डल / GEM के समिति सदस्य,ई-सोल्यूशन्स की सभी फैकल्टीस, बालिकाएँ एवं उनके अभिभावक उपस्थित रहे।