लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान ने 100 साल का सफर पूरा कर लिया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संपूर्ण पर्यावरण की रक्षा करना हमारा दायित्व है।
उन्होने कहा कि पिछले 70 सालों में यूपी में केवल दो प्राणि उद्यान थे। यूपी के गोरखपुर जिले को प्राणि उद्यान के रूप में एक नई सौगात प्रदेश सरकार ने दी है। उन्होंने कहा “ मैं अक्सर इस बात को मानता हूं कि अगर किसी व्यक्ति के व्यवहार को जानना है तो उसका जीव जन्तुओं के प्रति व्यवहार कैसा है इस बात से उसके व्यवहार की प्रवृत्ति की जानकारी मिल सकती है।”
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योगी ने कहा कि प्राणि उद्यान अपनी 100 साल की शानदार यात्रा में कई अनमोल पलों को सहेजे हुए है। यहां कई ऐसे आर्कषक केन्द्र हैं जो सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। उन्होंने कहा कि वन्यजीव के प्रति लगाव और पर्यावरण के प्रति बच्चों को जागरूक करने के लिए चिड़ियाघर में समय समय पर अलग अलग तरह के कार्यक्रमों को आयोजित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में न सिर्फ हम लोगों ने प्रदेशवासियों की जान बचाई बल्कि इटावा के लॉयन सफारी में संक्रमण की चपेट में आए वन्यजीवों को भी बचाने का काम किया है। पिछले पांच सालों में पर्यावरण को लेकर यूपी में कई सकारात्मक कार्य किए गए हैं, जिसमें से एक है 100 करोड़ वृक्षारोपण का काम। पहली बार यूपी में वृहद वृक्षरोपण अभियान का साक्षी बना। पांच सालों में 100 करोड़ वृक्षारोपण का कार्य वन विभाग के लिए चुनौति थी पर कोरोना के बावजूद इसको पूरा किया। उन्होंने कहा कि शताब्दी वर्ष के अवसर पर प्राणि उद्यान में नयापन लाने की जरूरत है। प्रतियोगिताओं का आयोजन, नई कार्ययोजनाओं को बनाकर लागू किया जाना चाहिए।
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कार्यक्रम में सीएम ने शताब्दी स्तंभ का अनावरण करने संग चिड़ियाघर के सौ वर्ष के सफर में प्रकाशित हुई स्मारिका, डाक टिकट, ‘चित्रों में चिड़ियाघर’ पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने नर और मादा बाघ शावकों का नामकरण भी किया। शताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं और चिड़ियाघर के उत्थान में आर्थिक रूप से मदद करने वाले लोगों को सीएम ने सम्मानित भी किया।
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