अयाना। बीहड़ पट्टी के महेवा स्थित मसान बाबा मंदिर पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा में शनिवार को श्रीकृष्ण जन्म का प्रसंग सुनाया गया। कंस के कारागार में बंद देवकी के कोख से श्रीकृष्ण का जन्म होने, बंदी गृह के ताले खुलने का प्रसंग सुनते ही श्रद्धालुओं ने जयकारे लगाना शुरू कर दिया।
आचार्य अनुज द्विवेदी ने कथा का वर्णन करते हुए कहा कि अत्याचारी कंस अपनी बहन देवकी को बहुत चाहता था |
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जब वह बहन व बहनोई वासुदेव को छोड़ने उसकी ससुराल जा रहा था, तभी आकाशवाणी हुई कि देवकी के आठवें पुत्र के हाथों वह मारा जाएगा। यह सुनकर कंस ने बहन बहनोई को बंदीगृह में डालकर पहरेदारों से सुरक्षा कड़ी करा दिया। कारागार में ही पैदा हुई देवकी के संतानों को वह मार डालने लगा। श्रीकृष्ण भगवान के जन्म लेने के समय नजारा अलग ही दिखा। पहरेदार सो गए, सभी ताले खुल गए, उनकी माता- पिता की बेड़ियां खुल गईं। प्रभु ने अपनी लीला दिखाई और अंत में भविष्यवाणी के मुताबिक कंस का वध किया।