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एग्रो फर्टिलाइजर का सेंटर खोलने के नाम पर लाखों ठगे

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एग्रो फर्टिलाइजर का सेंटर खोलने के नाम पर लाखों ठगे

एग्रो फर्टिलाइजर का सेंटर खोलने के नाम पर लाखों ठगे

  • एएसपी के आदेश पर पीड़ित की रिपोर्ट दर्ज
  • ठगों ने विश्वास में लेकर खातों में जमा कराए रुपए

औरैया। यूपी के औरैया जिले के दिबियापुर थाने में पांच अज्ञात ठगों के खिलाफ एग्रो फर्टिलाइजर का सेंटर खोले जाने व मोटा लाभ होने का झांसा देकर 2.60 लाख रुपए की ठगी कर लिए जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पीड़ित की तहरीर पर एसपी के निर्देश पर रिपोर्ट दर्ज कर दिबियापुर पुलिस ने प्रकरण की जांच शुरू कर दी है। ठगी का शिकार हुए अनिल कुमार पुत्र स्वर्गीय रामस्वरूप निवासी औतों ने थाने में दर्ज कराए मामले में बताया कि उनकी फर्म ऋषभ ट्रेडिंग कंपनी रामगढ़ रोड महामाई चौराहा दिबियापुर में स्थित है।

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उनसे हरवंश सिंह, अनूप यादव, राकेश भदौरिया व अनूप कुमार मैनेजर सभी का पता अज्ञात दुकान पर आकर मिले और कहा कि वे लोग भूमिधरा एग्रो फर्टिलाइजर, शाखा बरेली के अधिकारीगण हैं।उनकी एक शाखा लखनऊ मे भी है। आपके क्षेत्र में एक सेंटर चालू करना है, जिसके लिए जगह सुनिश्चित करने के लिए उन्हें कंपनी की ओर से भेजा गया है। उक्त जगह उनके सेंटर के लिए पर्याप्त है। आप अपनी उक्त बिल्डिंग 20 हजार रुपए प्रतिमाह के किराए पर उक्त सेंटर चलाने के लिए दे दें, और उक्त सेंटर आपके नाम से ही चलाया जाएगा।

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सेंटर चलाने हेतु आप अपने कर्मचारी स्वयं रखना और सेंटर की देखरेख आदि सभी आपको करनी होगी। कंपनी बीज, खाद व दवाइयां उपलब्ध कराएगी। लगभग 30 लाख रुपए मूल्य का सामान उपलब्ध कराया जाएगा, जिसके लिए कंपनी में सिक्योरिटी के रूप में ढाई लाख की धनराशि जमा करनी पड़ेगी। सेंटर से विक्रय सामग्री पर 10 प्रतिशत कमीशन कंपनी देगी। जब भी सेंटर छोड़ेंगे तो आपकी सिक्योरिटी राशि वापस कर दी जाएगी और जब तक उक्त सिक्योरिटी धनराशि कंपनी में जमा रहेगी, तब तक उक्त धनराशि पर 8.5 प्रतिशत वार्षिक व्याज भी अदा किया जाएगा।

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इस पर वह झांसे में आकर अपनी उक्त बिल्डिंग किराए पर देने और सेंटर चलाने के लिए राजी हो गया। इसके बाद उक्त लोगों ने गूगल पर व चेक तथा अन्य माध्यमों से अलग-अलग तारीखों में 2 लाख 62 हजार रुपए अपने हाथों में डलवा लिए। इसमें एक कंपनी का खाता भी बताया गया था। काफी समय बीतने के बावजूद सेंटर संचालित नहीं हुआ और ना ही उक्त लोगों के द्वारा कोई संतोषजनक उत्तर दिया गया। इसके बाद पीड़ित ने पुलिस में शिकायत की। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है ।

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