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जीवनदायिनी एंबुलेंस एक बार फिर जच्चा-बच्चा की जीवन रक्षा करने में रही सफल

जीवनदायिनी एंबुलेंस एक बार फिर जच्चा-बच्चा की जीवन रक्षा करने में रही सफल

जीवनदायिनी एंबुलेंस एक बार फिर जच्चा-बच्चा की जीवन रक्षा करने में रही सफल

इटावा। इटावा के जसवंतनगर में जीवनदायिनी एंबुलेंस एक बार फिर जच्चा-बच्चा की जीवन रक्षा करने में सफल रही। ब्लॉक क्षेत्र के विक्रमपुर में रहने वाली अंकित कुमार की 25 वर्षीय पत्नी नर्मदा देवी प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी। उन्हें एम्बुलेंस सेवा की तत्काल जरूरत थी इसकी सूचना मिलते ही यूपी 32 बी जी 9637 पंजीकरण संख्या वाली 108 एम्बुलेंस के पायलट व ईएमटी उनके घर पहुंच गए। अस्पताल ले जाते समय बीच राह में ही ईएमटी को परिस्थिति वश देखते हुए महिला का प्रसव कराना पड़ा। इमर्जेंसी मेडिकल टेक्नीशियन सुनील कुमार व पायलट सत्यवीर सिंह ने बताया कि 108 के कॉल सेंटर से सूचना दी गई कि विक्रमपुर गांव में रहने वाली नर्मदा देवी को प्रसव पीड़ा हो रही है।

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हालत खराब है मदद चाहिए, उन्हें जल्द से जल्द एम्बुलेंस सेवा की आवश्यकता है। यह सूचना मिलते ही वे प्रसूता के घर पहुंच गए। वहां पर आशा बहू मुन्नी देवी इंतजार कर रहीं थीं तब आशा बहू के साथ प्रसूता को लेकर अस्पताल की ओर रवाना हो गए। हालांकि बीच राह में ही महिला की प्रसव पीड़ा बढ़ गई, ऐसे में ईएमटी सुनील कुमार ने एम्बुलेंस को रास्ते में रुकवाकर महिला का वाहन किट से सुरक्षित तरीके से प्रसव करवा दिया। जांच करने पर पता चला कि जच्चा-और बच्चा दोनों ही पूरी तरह स्वस्थ हैं।

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इसके बाद ईएमटी ने जच्चा-बच्चा को जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया।प्रसूता के पति अंकित कुमार ने एम्बुलेंस सेवा की सराहना कर ईएमटी व पायलट की तारीफ की। एंबुलेंस कर्मियों का कहना है कि 102 सेवा पूरी तरह से निःशुल्क है और महिलाओं व दो साल तक के बच्चों के लिए होती है और एम्बुलेंस स्टाफ इसके लिए प्रशिक्षित होते हैं हालांकि दुर्घटनाओं के लिए उपयोग आने वाली 108 एंबुलेंस को भी आवश्यकता अनुसार प्रयोग में लिया जाता है।

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