नई दिल्ली। भारत सरकार चुनाव प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए एक बड़ा बदलाव करने जा रही है। सरकार कुछ समय पहले से ही एक बिल लाने की तैयारी में हैं, जिसके तहत प्रत्येक नागरिक के वोटर आईडी को आधार नंबर से लिंक किया जाएगा। ऐसा करने के पीछे सरकार की मंशा फर्जी वोटर कार्डों की पहचान करना है। शुक्रवार को संसद की कार्यवाही के दौरान केंद्रीय कानून मंत्री किरने रिजिजू ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार फर्जी वोटिंग को रोकने के लिए आधार को मतदान सूची के साथ जोड़ने पर विचार कर रही है।
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इसी से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि आधार और मतदाता सूची को जोड़ना वोटिंग सूचियों से एक से अधिक बार आने वाले नामों को हटाने का एक तरीका है। ऐसा करने से फर्जी वोटिंग पर लगाम लगेगा। लोकसभा में चर्चा के दौरान कानून मंत्री ने ‘एक राष्ट्र, एक मतदान सूची’ का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि सरकार फर्जी मतदान रोकने के लिए सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के लिए एक ही मतदान सूची लाने पर विचार कर रही है। गौरतलब है कि पिछले दिनों में वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ने का प्रावधान रखा गया है। लेकिन अभी यह नियम स्वैच्छिक है, अनिवार्य नहीं।
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प्रवासी भारतीयों के लिए मतदान की व्यवस्था पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री किरने रिजिजू ने कहा कि केंद्र सरकार बाहर रहने वाले भारतीय नागरिकों के लिए मतदान के लिए एक सुझाव पर काम कर रही है। जल्द ही इसको लेकर अपडेट जारी किया जाएगा। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सरकार प्रवासियों के लिए ऑनलाइन वोटिंग की सुविधा शुरु करने पर विचार कर रही है