- प्रदेश की एमएसएमई इकाइयों द्वारा निर्मित पीपीई किट, थ्री लेयर मास्क व अन्य वस्तुओं की खरीद हो
- जिला सेवायोजन कार्यालयों की उपयोगिता को पुनर्स्थापित किया जाए
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को निर्देश दिया कि मास्क का उपयोग न करने पर जिस व्यक्ति का चालान किया जाए, उसे ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित मास्क उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश की एमएसएमई इकाइयों द्वारा निर्मित पीपीई किट, थ्री लेयर मास्क व अन्य वस्तुओं की खरीद राज्य सरकार के स्तर से की जाए। इससे प्रदेश में निर्मित इन वस्तुओं को प्रोत्साहन मिलेगा।
अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक इकाइयों के कर्मियों के साथ-साथ निर्माण श्रमिकों, ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना, ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान’ योजना से जुड़े परंपरागत कामगारों का एक डाटा बैंक तैयार हो। इसमें श्रमिकों के बैंक खातों का विवरण भी सम्मिलित किया जाए।बरसात के मौसम में मनरेगा से जुड़े कार्य सामान्य परिस्थितियों में संपादित नहीं किए जाते। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए बरसात के मौसम में भी मनरेगा के कार्यों के संचालन की वैकल्पिक सम्भावनाओं को तलाशा जाए। सीएम ने कहा कि
कामगारों/श्रमिकों की दक्षता का विवरण संकलित करने के लिए स्किल मैपिंग का कार्य निरन्तर जारी रखा जाए। कामगारों/श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए जनपद स्तर पर जिला सेवायोजन कार्यालय की उपयोगिता को पुनर्स्थापित किया जाए।
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कृषि, डेयरी,ओडीओपी में रोजगार की बड़ी संभावनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा एमएसएमई सेक्टर, ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना तथा ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान’ योजना, कृषि, डेयरी, आदि से जुड़ी गतिविधियों में भी रोजगार की बड़ी सम्भावनाएं हैं। रोजगार की दृष्टि से श्रमिकों को इन सेक्टरों से जोड़ने की कार्यवाही की जाए।
प्रधानमंत्री जी के विशेष आर्थिक पैकेज के माध्यम से श्रमिकों हेतु आवास निर्माण की व्यवस्था की जाए। श्रमिकों के रहने के लिए डाॅरमेट्री निर्माण पर भी कार्य किए जाने की आवश्यकता है, इससे कम धनराशि में उन्हें अच्छी सुविधा प्राप्त होगी।