इटावा। चावल उत्पादन में उत्तर प्रदेश में एक समय अव्वल रहने वाला इटावा जिला बासवती चावल का हब बनने की ओर अग्रसर हो गया है। धान उत्पादक किसानों के बासवती चावल की पैदावार लगातार बढ़ाने से इटावा के खाते में यह उपलब्धि आ सकती है। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के धान उत्पादक किसानों के एक नई क्रांति का सृजन कर दिया है। धान उत्पादक किसानों की नई क्रांति का असर यह हुआ कि अब इटावा बासमती चावल के उत्पादन का बड़ा हब बनने की ओर अग्रसर हो गया है।इस नई क्रांति को बासमती चावल के उत्पादन की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बासवती चावल की पैदावार से किसानों को काफी मुनाफा हो रहा है।
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इटावा जिले में पैदा होने वाला बासमाती देशभर के अनेक राज्यों में निर्यात किया जा रहा है। गौरतलब है कि इटावा जिले में कई प्रकार की किसान फसलें करते हैं, जिनमें ज्यादातर आलू गेहूं फसलें तैयार कर की जाती है लेकिन कुछ समय से ही अब जिले भर के किसान धान की खेती की ओर बढ़ रहे हैं, जिसमें उच्च क्वालिटी का बासमती धान की खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है। यहां से देशभर के कोने कोने में यह धान निर्यात हो रहा है।
कृषि विशेषज्ञ ऐसा मान कर चल रहे हैं कि जिस तरह से इटावा के किसानों ने बासमती चावल की पैदावार करना शुरू की है। उसको देखते हुए यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि, आने वाले दिनों में इटावा प्रदेश में धान उत्पादन का बड़ा केंद्र बन जाएगा।
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इटावा कृषि विभाग के उपनिदेशक आर.एन.सिंह का कहना है कि इटावा जिले के धान उत्पादक किसानों ने बासमती चावल की पैदावार की ओर रुझान किया है। इटावा जिले में एक अनुमान से 50 हजार हेक्टेयर इलाके में धान की पैदावार होती है। एक हेक्टेयर में करीब 28 से 30 कुंटल चावल की पैदावार होती है। इनमे से अधिकतर किसानों ने बासमती चावल का उत्पादन करना शुरू कर दिया है। जिले में बासमती चावल का उज्जवल भविष्य नजर आ रहा है।बासमती चावल का एक्सपोर्ट भी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।
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इटावा जिले के किसान बासमती चावल के उत्पादन के प्रति कहीं ना कहीं बेहद सजग और सतर्क हो गए हैं और इसी वजह से अधिक मात्रा में बासमती चावल का उत्पादन करना शुरू कर दिए हैं।इटावा में चावल खाने का ज्यादा रिवाज नहीं है। इटावा जिले के भरथना ,महेवा, ताखा, सैफई, जसवंतनगर ब्लाक की मिट्टी बेहद ही अच्छी है, जो बासमती चावल के उत्पादन को कहीं ना कहीं अधिक पैदावार देने में मुफीद साबित हो रही है।