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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के 4 वर्ष पूर्ण होने पर जिले कै विभिन्न स्कूलों में किया गया शिक्षा सप्ताह का आयोजन

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के 4 वर्ष पूर्ण होने पर जिले कै विभिन्न स्कूलों में किया गया शिक्षा सप्ताह का आयोजन

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के 4 वर्ष पूर्ण होने पर जिले कै विभिन्न स्कूलों में किया गया शिक्षा सप्ताह का आयोजन

औरैया। शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा एवं जिलाधिकारी इंद्रमणि त्रिपाठी के नेतृत्व एवं उप शिक्षा निदेशक /प्राचार्य डाइट अजीतमल गंगा सिंह राजपूत एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजीव कुमार के कुशल निर्देशन में जनपद औरैया में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के 4 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर शिक्षण सप्ताह के प्रथम दिवस पर टीएल एम प्रदर्शनी का आयोजन बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित समस्त प्राथमिक उच्च प्राथमिक एवं कंपोजिट विद्यालयों में किया गया ।जिसमें जनपद के शिक्षक शिक्षिकाओं एवं छात्र छात्राओं के द्वारा बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया गया।छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शनी में शिक्षण अधिगम सामग्री के अंतर्गत पाठ सहगामी क्रियाओं के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों को दूर भगाने वाले टीएलएम एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने वाले तथा निपुण भारत मिशन को धरातलीय क्रियान्वयन कर सफल बनाने के लिए विभिन्न प्रकार टीएलएम निर्मित कर जनपद के विभिन्न ब्लॉक स्तरीय व्हाट्सएप समूह में प्रेषित किए गए जिनका एसआरजी टीम के द्वारा समेकन कर राज्य परियोजना कार्यालय लखनऊ द्वारा प्रेषित गूगल फॉर्म लिंक पर गूगल ड्राइव के माध्यम से हाई रेजोल्यूशन वीडियो एवं फोटो प्रेषित की गई।

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इस अवसर पर सुनील दत्त राजपूत नेसपोर्टिव सुपरविजन के दौरान प्राथमिक विद्यालय फफूंद प्रथम में प्र.अ.अनुपम के सहयोग टी.एलएम मेले का आयोजन किया गया ।इस अवसर पर एसआरजी सुनील दत्त राजपूत ने बताया कि यह सप्ताह 22 जुलाई से 29 जुलाई तक अनवरत जारी रहेगा जिसमें प्रत्येक दिन भिन्न-भिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है जो कि 22जुलाई टीएलएम डे हो चुका है।23जुलाई एफ एल एन डे,24जुलाई स्पोर्ट्स डे,25जुलाई कल्चरल डे,26जुलाई टेक्नोलॉजी इन एजुकेशन डे,27जुलाई इको क्लब्स फॉर मिशन लाइफ डे,29जुलाई सामुदायिक सहभागिता दिवस होगा एसआरजी सुभाष राजन द्विवेदी ने कहा कि एनईपी 2020 के अनुसार, स्कूली शिक्षा का यह चरण महत्वपूर्ण शिक्षण उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित करेगा, जो वर्षों से हमारी शिक्षा प्रणाली में उपयोग की जाने वाली रटने की पद्धति से एक बड़ा बदलाव है। यह चरण विज्ञान, गणित, कला, सामाजिक विज्ञान और मानविकी में अनुभवात्मक शिक्षा पर काम करेगा। एसआरजी अलका यादव ने बताया कि पाठ सहगामी क्रियाओं से छात्रों का चहुमुखी विकास होता है।

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