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लॉकडाउन में फंस गई वन विभाग के दिहाड़ी मजदूरों की पगार

3 माह से मजदूरी न मिलने से परेशान कंचौसी पौधशाला पर काम करने वाले दिहाड़ी मजदूरों ने उठाई समस्या

औरैया: जिले के कस्बा कंचौसी के निकट स्थित वन विभाग की पौध शाला में पिछले 3 माह से दिहाड़ी मजदूरी पर पौधों को तैयार करने के काम में जुटे मजदूरों को उनकी पगार नहीं मिल पा रही है इस कारण में आर्थिक संकट से जूझते हुए भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। जिम्मेदार लोगों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते बजट नहीं आ सका इस कारण दिक्कत आई है जल्द मजदूरी का भुगतान कर दिया जाएगा।

इस सरकारी पौधशाला में बीस से अधिक महिला पुरुष दिहाड़ी मजदूर बीज गड़ाई, मिट्टी बालू की थैली भराई, क्यारियों की निराई गुड़ाई ,सिंचाई आदि के काम में लगे हुए हैं। भीषण गर्मी में भिन्न-भिन्न किस्म की छै लाख पौध तैयार करने में लगे रहने के बाद भी पिछले तीन माह से इनकी मजदूरी का भुगतान नहीं हो सका है जिससे रोज कमाने खाने वाले ये महिला पुरुष कामगार भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं ।

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पौधशाला में एक से तीन किलोमीटर पैदल चल कर काम करने पहुंचने वाली राम सखी, तारा देवी, रजनी, शारदा, बंदना, सोहनी, काजल ,रेशमा रंजना आदि के साथ पुरुष मजदूर गोपाल, अरूण ,रामकुमार अरविंद, विशाल आदि ने बताया कि उनकी दो लाख से अधिक मजदूरी का बकाया देने के लिए पौधशाला इंचार्ज अछल्दा रेंजर से कई बार कहा तो वह टाल मटोल कर रहे हैं। अधिक कहने पर मात्र नौ हजार रुपए पिछले दिनों मे दिये हैं जिससे उनका परिवार सहित गुजारा होना मुश्किल हो रहा है।

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इस संबंध मे रेंजर परागी लाल का कहना है कि मार्च माह में कोरोना महामारी के चलते शासन द्वारा बजट समय से न मिलने के कारण समस्या आई है ,अब बिल भेजे गए हैं ।

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