लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 16 जुलाई से 22 जुलाई तक चलने वाले भूजल सप्ताह समापन कार्यक्रम में भाग लिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया भूजल के संरक्षण और उचित उपयोग हेतु आमजन की सहभागिता अत्यंत आवश्यक है। यह भी आवश्यक है कि जनसामान्य को भूजल के महत्व के प्रति जागरूक किया जाए और इसी उद्देश्य से पूरे प्रदेश में 16 जुलाई से 22 जुलाई तक भूजल सप्ताह का आयोजन किया गया है।
सीएम ने कहा मैंने देखा है कि इसके परिणामस्वरूप तालाबों का निर्माण व जीर्णोद्धार, चेक डैम का निर्माण, सिंचाई में कम जल खपत विधियों जैसे ड्रिप व स्प्रिंकलर प्रणाली आदि को प्रोत्साहित करने का अच्छा कार्य हुआ है और इसके बहुत सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं। विगत 03 वर्षों के दौरान भूगर्भ जल स्तर के बारे में जो प्रयास प्रारम्भ हुए उनके कारण विभिन्न जनपदों में व विभिन्न अंचलों में जलसत्याग्रहियों द्वारा विभिन्न प्रकार के रचनात्मक कार्य तथा अभिनव प्रयोग किए गए हैं। उनके अनुभवों को स्वयं भी मैंने सुना है।
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आंकलन की संस्तुतियों के आधार पर विभिन्न विभागों के द्वारा हम पेयजल और कृषि उपयोग हेतु सुरक्षित जलापूर्ति के लिए क्षेत्रों का चयन कर सकेंगे। प्रदेश में चरणबद्ध रूप से रिवर बेसिन को चिन्हित करते हुए भूजल गुणवत्ता का परीक्षण कराया जाना है और इसके बाद प्रदेश के समस्त रिवर बेसिन की भूजल गुणवत्ता का समग्र आंकलन किया जा सकेगा। भूजल के गिरते हुए स्तर के साथ ही प्रदेश में कई स्थानों पर भूजल गुणवत्ता के प्रभावित होने या दूषित होने के मामले भी संज्ञान में आए हैं।
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उन्होंने कहा आज इस अवसर पर मेरी आप सभी से अपील है कि आप अपने-अपने भवनों में भी रेन वॉटर हार्वेस्टिंग का प्रबंध करें, जिससे पूरे प्रदेश में भूजल समस्या का दीर्घकालीन समाधान हो सके। अधिनियम में स्थानीय निकायों तथा आमजन की भागीदारी सुनिश्चित करने और आगामी एक वर्ष में प्रदेश के समस्त सरकारी भवनों में ‘रूफ टॉप रेन वॉटर हार्वेस्टिंग’ को भी अनिवार्य करने का प्रस्ताव है। उत्तर प्रदेश सरकार भूजल प्रबंधन एवं संरक्षण हेतु पूर्णतया प्रतिबद्ध है और इसीलिए भूजल संसाधनों की सुरक्षा, संरक्षण एवं नियमन हेतु ‘उ.प्र. ग्राउंड वॉटर मैनेजमेंट एंड रेगुलेशन अधिनियम 2019’ सरकार ने प्रख्यापित किया।