औरैया। जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अछल्दा में तैनात एक चिकित्सक के ड्यूटी के दौरान बीमार होने और उपचार के दौरान कानपुर के हैलट अस्पताल में मृत्यु हो जाने पर हड़कंप मच गया है।
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जानकारी के अनुसार जालौन जिले के रहने वाले एमबीबीएस चिकित्सक डॉ. सुवोध कुमार (35) जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अछल्दा में तैनात थे और कोविड हैल्प डेस्क देख रहे थे व अस्पताल परिसर में ही रहते थे। गुरुवार को ड्यूटी के समय ओपीडी में न आने पर अधीक्षक डा. सिद्धार्थ वर्मा ने जानकारी की तो पता चला कि उनकी तबियत खराब है फीवर व चक्कर आने के कारण रूम पर लेटे हैं जिसके बाद उन्हें दवा दी गई पर आराम न मिलने पर अधीक्षक डा. सिद्धार्थ वर्मा व फार्मासिस्ट राजेश उन्हें उपचार हेतु तत्काल कानपुर ले गए जहां पर प्राइवेट हॉस्पिटल में कोरोना जांच न होने के कारण उपचार हेतु भर्ती किए जाने से मना करने पर उन्हें उन्हें हैलट अस्पताल ले गए जहां उनकी मृत्यु हो गई। चिकित्सक की मौत की सूचना आते ही जिले में हड़कंप मच गया और तरह-तरह की चर्चाएं होने लगीं।
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मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अर्चना श्रीवास्तव ने डा. सुवोध की मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि वह कोविड हैल्प डेस्क नहीं बल्कि कुपोषण व नार्मल मरीज देख रहे थे, उनको किड़नी संबंधित दिक्कत थी, कल अचानक तबियत बिगड़ने पर उन्हें उपचार हेतु कानपुर ले जाया गया था जहां पर उनकी मौत हो गई है।
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बताया गया कि डा. सुवोध की करीब चार वर्ष पहले दिल्ली निवासी पिंकी के साथ शादी हुई थी और उनके तीन माह का एक बच्चा भी है। वह जालौन जिले के रम्पुरा गांव के रहने वाले थे।
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मृतक चिकित्सक की कोरोना जांच निकली निगेटिव
औरैया जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अछल्दा में तैनात चिकित्सक की बीती रात्रि कानपुर में हुई मौत के बाद करायी गयी कोरोना जांच निगेटिव निकली।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अर्चना श्रीवास्तव ने शुक्रवार को यहां यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि अछ्ल्दा सीएचसी में तैनात चिकित्सक डॉ. सुवोध कुमार की गुरुवार को अचानक तबीयत बिगड़ने पर सहयोगी स्टाफ के लोग उन्हें उपचार हेतु कानपुर के हैलट अस्पताल ले गए थे, जहां पर उनकी मृत्यु हो गयी थी, डॉ. सुवोध पहले से किडनी संबंधित बीमारी से पीड़ित थे। उन्होंने बताया कि मृत्यु के बाद कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कालेज में उनकी करायी गयी कोरोना जांच निगेटिव आयी है।