यह आयोजन पहली बार सिंधुदुर्ग के राजकोट किले में किया गया था। इसका उद्देश्य समुद्री रक्षा और सुरक्षा के प्रति मराठा नौसेना और छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत एवं आधुनिक भारतीय नौसेना के साथ इसके ऐतिहासिक संबंधों का सम्मान करना था। इस परियोजना की परिकल्पना और संचालन नौसेना ने राज्य सरकार के साथ मिलकर किया था। इसके लिए राज्य सरकार ने धन भी उपलब्ध कराया था। नौसेना शिवाजी महाराज की प्रतिमा की मरम्मत, पुनरुद्धार और यथाशीघ्र उसकी पुनःस्थापना के लिए सभी उपायों में सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है।
दिल्ली
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल के दिनों में आये प्राकृतिक आपदाओं में जानमाल के नुकसान पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रभावित लोगों के प्रति संवेदना प्रकट की। मोदी ने आज 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस वर्ष और पिछले कुछ वर्षों की तुलना में प्राकृतिक आपदा बढ़ने के कारण चिंता बढ़ती जा रही है।
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प्राकृतिक आपदा में लोगों ने अपने परिवारजन खोए हैं, संपत्ति खोई है। आज उन सब के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं। उन्होंने कहा कि विश्वास दिलाता हूं कि देश संकट की इस घड़ी में सभी पीड़ितों के साथ खड़ा है।
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुष्कर्म की घटनाओं पर पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा पाप करने वालों में डर पैदा करना ज़रूरी है।
मोदी ने आज 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी माताओं-बहनों, बेटियों के प्रति अत्याचार हो रहे हैं। उसके प्रति देश का आक्रोश है, जनसामान्य का आक्रोश है। इस आक्रोश को मैं महसूस कर रहा हूं। इसे देश को, समाज को, हमारी राज्य सरकारों को गंभीरता से लेना होगा। महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो। राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा मिले। यह समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है।
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उन्होंने कहा कि जब महिलाओं पर दुष्कर्म जैसे अत्याचार की घटनाएं घटती हैं तो उसकी बहुत चर्चा होती है, बहुत प्रचार होता है, मीडिया में छाया रहता है, लेकिन जब ऐसे व्यक्ति को सजा होती है तो खबरों में नजर नहीं आती है, कोने में कहीं पड़ा होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब समय की मांग है कि जिनको सजा होती है, उसकी व्यापक चर्चा हो ताकि ऐसा पाप करने वालों में भय पैदा हो कि पाप करने वालों की ऐसी हालत होती है, फांसी पर लटकना पड़ता है। मुझे लगता है कि अपराध करने वालों में डर पैदा करना बहुत जरूरी है।
नई दिल्ली। स्विगी ने आज अपने प्लेटफॉर्म पर स्विगी यूपीआई शुरू करने की घोषणा की है। कंपनी ने यहां जारी बयान में कहा कि ग्राहकों को बेहतर भुगतान अनुभव प्रदान करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के यूपीआई प्लग-इन को इंटीग्रेट किया गया है। इस इंटीग्रेशन के साथ, यूजर अब स्विगी ऐप को छोड़े बिना यूपीआई ट्रांजेक्शन पूरा कर सकते हैं। इससे भुगतान प्रक्रिया आसान हो गई है। यूजरो को इसके लिए अब पांच चरणों के बजाय केवल एक चरण से गुजरना होगा।
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यह नई सुविधा, थर्ड पार्टी यूपीआई ऐप्स पर रीडायरेक्ट होने की आवश्यकता को समाप्त कर देती है। इससे यूजर्स के लिए पेमेंट एक्सपीरिएंस पूरी तरह से आसान हो जाता है। स्विगी का यह कदम ट्रांजेक्शन के समय को कम करने और एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए बनाया गया है। थर्ड पार्टी ऐप्स पर रीडायरेक्शन को हटाकर, स्विगी यूपीआई एक सरल और सुखद यूजर अनुभव प्रदान करता है। इससे ट्रांजेक्शन का समय 15 सेकंड से घटाकर केवल 5 सेकंड कर दिया जाता है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया। मोदी ने रविवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि “श्री नटवर सिंह जी के निधन से दुखी हूं। उन्होंने कूटनीति और विदेश नीति की दुनिया में समृद्ध योगदान दिया। वह अपनी बुद्धिमत्ता के साथ-साथ विपुल लेखन के लिए भी जाने जाते थे। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।”
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने बंगलादेश में सत्ता परिवर्तन के घटनाक्रम के बीच हिंसा में हिंदू, बौद्ध एवं अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर होने वाले हमलों और अपराध की कड़ी निंदा की तथा बंगलादेश की अंतरिम सरकार से ऐसी घटनाओं पर सख्ती से रोक लगाने की मांग की है।
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह ने बंगलादेश की परिस्थिति पर शुक्रवार को एक वक्तव्य जारी करके कहा कि विगत कुछ दिनों से बंगलादेश में सत्ता परिवर्तन के आंदोलन के दौरान हिंदू, बौद्ध तथा वहाँ के अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के साथ हो रही हिंसा की घटनाओं पर आरएसएस गंभीर चिंता व्यक्त करता है। उन्होंने कहा कि बंगलादेश में हिंदू तथा अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की लक्षित हत्या, लूटपाट, आगज़नी, महिलाओं के साथ जघन्य अपराध तथा मंदिर जैसे श्रद्धास्थानों पर हमले जैसी क्रूरता असहनीय है, तथा संघ इसकी घोर निंदा करता है।
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मेडिकल स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए 11 अगस्त को आयोजित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-पीजी) 2024 ‘कुछ व्यवहारिक परेशानियों’ का हवाला देते हुए स्थगित या पुर्निर्धारित करने की मांग वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ , न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने विशाल सोरेन और अन्य के याचिका पर संबंधित पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद कहा कि वह परीक्षा आयोजित होने से कुछ दिन पहले उसे स्थगित करने का आदेश नहीं दे सकती। सोरेन और अन्य द्वारा दायर याचिका दलील दी गई थी कि अभ्यर्थियों को एन वक्त पर ऐसे शहरों में परीक्षा केंद्र आवंटित किए गए हैं |
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जहां पहुंचना उनके लिए बेहद मुश्किल हो रहा है। उन्हें अपने परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। याचिका दायर करते समय में कहा गया था कि परीक्षा शहरों का आवंटन 31 जुलाई को किया गया और परीक्षा केंद्रों की घोषणा आठ अगस्त को की जानी है। इस प्रकार अभ्यर्थियों को 11 अगस्त को परीक्षा के लिए संबंधित केंद्रों तक पहुंचने के लिए बहुत कम समय दिया गया। इसके अलावा परीक्षा दो पालियों में आयोजित की जानी है। इतना ही नहीं सामान्यीकरण और अन्य फॉर्मूले के बारे में अभ्यर्थियों को कुछ भी मालूम नहीं है। इस वजह से याचिकाकर्ताओं को कई प्रकार की आशंका हो रही है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक अनिश्चितताओं के दौर में भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन को विश्व के लिये एक आदर्श बताते हुये मंगलवार को कहा कि भारत महामारी के बाद तेजी से पुनः उच्च आर्थिक वृद्धि की राह पर लौट आया है तथा उनके वायदे के अनुसार, उनके तीसरे कार्यकाल में विश्व में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनके तीसरे कार्यकाल में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा और भारत सधे हुये कदमों से इस ओर बढ़ रहा है और निकट भविष्य में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ताकत बन जायेगा। श्री मोदी भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की ओर से बजट 2024-25 पर यहां विज्ञान भवन में आय़ोजित एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
मोदी ने कहा, “मैं जिस बिरादरी से आता हूं, उस बिरादरी की पहचान बन गई है कि चुनाव से पहले जो बातें करते हैं, वो चुनाव के बाद भुला देते हैं, लेकिन मैं उस बिरादरी में अपवाद हूं। इसलिए, मैं आपको याद दिलाता हूं कि मैंने कहा था कि मेरे तीसरे कार्यकाल में देश, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। भारत बहुत सधे हुए कदमों से लगातार आगे बढ़ रहा है।”
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सीआईआई के अध्यक्ष संजीव पुरी ने प्रधानमंत्री के स्वागत भाषण में कहा कि श्री मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था का कायाकल्प हुआ है और भारत को विश्व में एक नयी जगह मिली है और भारत आज दुनिया की सबसे तीव्र गति से बढ़ रही अर्थव्यवस्था है। उन्होंने विकसित भारत के संकल्प में उद्योग जगत के पूर्ण सहयोग का आश्वासन देते हुये, इस बजट में रोजगार प्रोत्साहन जैसी योजनाएं लाने के बारे में उद्योग जगत के सुझावों को शामिल किये जाने के प्रति प्रधानमंत्री का आभार जताया। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार जिस बड़े पैमाने और बड़ी रफ्तार से काम कर रही है वह अभूतपूर्व है तथा वैश्विक अनिश्चितता के दौर में भारत में जो आर्थिक वृद्धि दर और राजकोषीय संतुलन कायम रखा है, वह दुनिया के लिये एक आदर्श है। भारत आज विश्व अर्थव्यवस्था की वृद्धि में 16 प्रतिशत का योगदान कर रहा है। उन्होंने कहा विश्वास जताया कि उनकी सरकार ने 10 वर्ष में जो सुधार किये हैं, वे अर्थव्यवस्था को विकसित भारत की तरफ ले जा रहे हैं और 2047 तक विकसित भारत का संकल्प पूरा होगा।
प्रधानमंत्री ने भारतीय उद्योग जगत को विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के प्रय़ास में सरकार के साथ न केवल कंधा से कंधा मिलकर काम करने बल्कि सरकार के साथ प्रतिस्पर्धा कर सरकार को पीछे छोड़ने का आह्वान किया। मोदी ने कहा, “आज भारत आठ प्रतिशत की दर से आर्थिक वृद्धि कर रहा है, आज हम विकसित भारत की ओर प्रयाण की बात कर रहे है। वह दिन दूर नहीं, जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बन जायेगा।” उन्होंने कहा कि जब उन्होंने 2014 में पहली बार सत्ता संभाली थी, तब प्रश्न था कि अर्थव्यवस्था को कैसे पटरी पर लायें। उससे पहले भारत को पांच दुर्बल अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता था और उस समय के सरकार के बड़े-बड़े घोटालों की चर्चा होती थी।
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प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत को महासंकट से उबारकर हम इस ऊंचाई पर लाये हैं।” उन्होंने कहा कि मनमोहन सरकार का आखिरी बजट 16 लाख करोड़ रुपये का था, आज वह तीन गुना होकर 48 लाख करोड़ रुपये का हो गया है। इसी तरह, 2004-14 के बीच पूंजीगत बजट सालाना 90 हजार करोड़ रुपये से दो लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा था, हमारी सरकार में कैपेक्स (पूंजीगत व्यय) पांच गुना बढ़कर इस बार के बजट में 11 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक रखा गया है। उन्होंने कहा कि हमने कर की दरों में रिकॉर्ड कटौती करने के बावजूद, रेलवे, सड़क और अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र के लिये पूंजीगत व्यय बढ़ाया है। उन्होंने कहा, “बात केवल कर घटाने, पूंजीगत व्यय बढ़ाने की ही नहीं बल्कि सुशासन की भी है।” उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में दुनिया की सबसे बड़ी महामारी का संकट आया। कई देशों में बड़ी लड़ाइयां छिड़ीं और देश में सूखा तूफान तथा भूकंप जैसी अनेक प्राकृतिक आपदाएं आयीं।
मोदी ने कहा कि यदि यह संकट न होते, तो भारत आज और नयी ऊंचाई पर होता, यह मेरा विश्वास है। उन्होंने कहा कि सरकार कारोबार में आसानी, जीवन में आसानी और उद्योग 4.0 (डिजिटलीकृत औद्योगिक युग) के लिये तमाम कदम उठाये हैं। आज भारत के युवाओं में यह विश्वास बना है कि वह अपने दम पर कुछ कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने इस वातावरण के लिये सरकार की मुद्रा योजना, स्टार्टअप, योजना और स्टैंडअप योजना जैसी पहलों का जिक्र करते हुये कहा कि मुद्रा ऋण योजना से आठ करोड़ लोगों ने अपने रोजगार खोले हैं। स्टार्टअप की संख्या 1.40 लाख तक पहुंच गयी है, जिसमें लाखों युवा लगे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बजट में रोजगार बढ़ाने के लिये दो लाख करोड़ रुपये के प्रावधान के साथ नयी पहल की गयी है। उससे चार करोड़ युवाओं के लिये रोजगार के अवसर बनेंगे।
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मोदी ने कहा, “मैं इंडस्ट्री को, भारत के प्राइवेट सेक्टर को भी ‘विकसित भारत’ बनाने का सशक्त माध्यम मानता हूं। मैं आप जैसे साथियों को, वेल्थ क्रिएटर्स को भारत का प्रमुख ड्राइविंग फोर्स मानता हूं और मैं लाल किले से भी ये कहने में संकोच नहीं करता हूं।” उन्होंने कहा कि इंटर्नशिप योजना और उद्योगों को कर्मचारी भविष्यनिधि (ईपीएफ) योजना के अंतर्गत प्रोत्साहन का उल्लेख करते हुये कहा कि वह उद्यमियों को रोजगार सृजन और वृद्धि का इंजन मानते हैं और अपेक्षा है कि उद्योग जगत सरकार के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चलेगा।
उन्होंने कहा कि भारत हरित ऊर्जा, अंतरिक्ष उद्योग, परमाणु ऊर्जा और ऐसे तमाम नये उभरते औद्योगिक क्षेत्रों में विश्व की ताकत बनेगा। मोदी ने कहा कि सरकार समुद्र में उत्खनन के लिये जल्द ही पहले अपतटीय खनन ब्लॉक की नीलामी करायेगी। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार विकसित भारत के संकल्प के साथ काम कर रही है, हमारी सरकार का इरादा और दिशा स्पष्ट है, उसमें कोई भटकाव नहीं है।” उन्होंने उद्योगों को दी जाने वाले प्रोत्साहनों का उल्लेख करते हुये, “2014 में, एक करोड़ रुपये वाली एमएसएमई को अनुमानित कर देना पड़ता है और अब तीन करोड़ लाभ वाली एमएसएमई को भी लाभ मिल सकता है। वर्ष 2014 में, 50 करोड़ वाली सूक्ष्म, लघु और मझोली (एमएसएमई) को 30 प्रतिशत कर देना पड़ा, आज यह दर 22 प्रतिशत है। वर्ष 2014 में, निवेशक 30 प्रतिशत कॉर्पोरेट कर की दरें रखते थे, आज 400 करोड़ रुपये तक की आय वाली कंपनी के लिए यह दर 25 प्रतिशत है।”
नई दिल्ली । दिल्ली नगर निगम की महापौर डॉ. शैली ओबेरॉय के आदेश पर अधिकारियों ने रविवार देर रात राजेंद्र नगर इलाके में अवैध रूप से बेसमेंट में संचालित हो रहे 13 कोचिंग सेंटरों को सील कर दिया। निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज बताया कि डॉ. ओबेरॉय के आदेश पर अधिकारियों ने रविवार देर रात राजेंद्र नगर इलाके में अवैध रूप से बेसमेंट में संचालित हो रहे 13 कोचिंग सेंटरों को सील कर दिया गया है।
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सील किए गए को कोचिंग सेंटरों में आईएएस गुरुकुल, चहल अकादमी, प्लूटस अकादमी, साई ट्रेडिंग, आईएएस सेतु, टॉपर की अकादमी, दैनिक संवाद, सिविल्स डेली आईएएस, करियर पावर, 99 नोट्स, विद्या गुरु, गाइडेंस आईएएस, ईजी फॉर आईएएस शामिल हैं। उन्होंने बताया कि सील किए गए कोचिंग सेंटर राजेंद्र नगर के विभिन्न इलाकों में संचालित हो रहे थे। इनमें नियमों का उल्लंघन करते हुए बेसमेंट में कोचिंग संचालित होता पाया गया और मौके पर ही इनकी सीलिंग कर नोटिस चस्पा कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि राजेंद्र नगर इलाक़े में एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने की वजह से तीन विद्यार्थियों की मौत हो गई थी।
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने निवेश आकर्षित करने के लिए नीति आयोग को ‘निवेश-अनुकूल चार्टर’ तैयार करने का निर्देश देते हुए शनिवार को कहा कि विकसित भारत का सपना विकसित राज्यों के माध्यम से साकार किया जा सकता है। मोदी ने आज यहां नीति आयोग की नौवीं संचालन परिषद की बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक राज्य और जिले को वर्ष 2047 के लिए एक दृष्टिकोण पत्र बनाना चाहिए ताकि विकसित भारत को साकार किया जा सके।
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उन्होंने युवाओं को रोजगार के लिए तैयार में उनके कौशल और प्रशिक्षण पर जोर दिया और कहा कि विकासशील भारत के लिए प्राथमिकता के रूप में शून्य गरीबी का लक्ष्य रखना चाहिए। बैठक में प्रधानमंत्री ने नीति आयोग को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सुझावों का अध्ययन करने का निर्देश भी दिया। श्री मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 20 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और छह केंद्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपालों ने भाग लिया।
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मोदी ने कहा कि भारत ने पिछले 10 वर्षों में स्थिर विकास हासिल किया है। भारतीय अर्थव्यवस्था वर्ष 2024 तक के अंत तक पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। अब सरकार और सभी नागरिकों का सामूहिक लक्ष्य दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है। उन्होंने कहा,“ पिछले 10 वर्षों में हमारे देश ने सामाजिक और आर्थिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करके बहुत प्रगति की है। पहले मुख्य रूप से आयात-आधारित देश होने के बाद, भारत अब दुनिया को कई उत्पाद निर्यात करता है। देश ने रक्षा, अंतरिक्ष, स्टार्ट-अप और खेल जैसे व्यापक क्षेत्रों में विश्व मंच पर अपनी पहचान बनाई है।”
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उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन का दशक है जो विभिन्न क्षेत्रों में बहुत सारे अवसर लेकर आया है। उन्होंने राज्यों को इन अवसरों का लाभ उठाने और नीति निर्माण तथा क्रियान्वयन में नवीन दृष्टिकोण के माध्यम से विकास के लिए अनुकूल नीतियां बनाने तथा शासन कार्यक्रम शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रधानमंत्री ने बैठक में भाग लेने तथा अपने विचार और अनुभव साझा करने के लिए सभी मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों के प्रति आभार व्यक्त किया और विश्वास व्यक्त किया कि भारत सहकारी संघवाद की शक्ति के माध्यम से विकसित भारत वर्ष 2047 के सपने को पूरा करने की राह पर आगे बढ़ रहा है।