नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को बुल्ली बाई और सुल्ली के निर्माताओं की जमानत याचिका कुछ नियमों और शर्तों के साथ मंजूर कर ली। मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने नीरज बिश्नोई और अमकारेश्वर ठाकुर को कुछ नियमों और शर्तों के साथ जमानत दे दी, जिसमें कहा गया था कि वे मामले के गवाहों से संपर्क नहीं करेंगे और उन्हें प्रभावित नहीं करेंगे।
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बिश्नोई और ठाकुर दोनों के वकील ने जमानत याचिका दायर करते हुए कहा कि आवेदकों को इस मामले में झूठा फंसाया गया है और मामले की सुनवाई में लंबा समय लगेगा, इसलिए आवेदकों को जमानत दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि अगर जमानत दी जाती है तो आवेदक अदालत की संतुष्टि के साथ ज़मानत बांड प्रस्तुत करने के लिए तैयार हैं। वकील ने कहा कि आवेदक पहली बार अपराधी थे और न तो गवाहों को प्रभावित करेंगे, न ही फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी रिपोर्ट (एफएसएल), जो इस मामले में प्रतीक्षित है।
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अदालत ने आरोपियों को निर्देश दिया कि वे अपने मोबाइल फोन को हमेशा स्विच ऑन रखें और जांच अधिकारी को अपने लोकेशन के बारे में जानकारी दें। उल्लेखनीय है कि नीरज ने कथित तौर पर गीटहब का उपयोग करके बुल्ली बाई नामक एक ऐप बनाया, जबकि अमाकारेश्वर ने कथित तौर पर सुल्ली डील ऐप बनाया। दोनों मोबाइल एप्लिकेशन ने उनकी सहमति के बिना 100 से अधिक मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को होस्ट किया।