कथा में प्रथम दिन श्रोताओं की उमड़ी भीड़
दिबियापुर। संसार में सिर्फ दो ग्रंथ ऐसे है जिन्हें श्रीमद की उपाधि दी गई है। प्रथम भगवद गीता और दूसरा श्रीमद्भागवत महापुराण | भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और त्याग का मार्ग है भागवत । भागवत नर को नारायण बना देती है। यह विचार मंगलवार को औद्योगिक नगरी में बाबा परमहंस महाराज की बगिया में चल रही श्रीमद् भागवत के प्रथम दिन आचार्य केशवम जी महाराज ने श्रोताओं को सुनाये ।
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कथा में आचार्य ने आगे कहा कि मन से मनन किये नमन शब्द बने हैं। जो मानव जीवन के अंग हैं। आचार्य श्री ने कहा कि व्यक्ति को जो प्राप्त हो रहा है। उसमें ही संतोष करना चाहिए। अधिक प्राप्ति की लालशा रिश्ते और मित्रता को समाप्त करती है। कथा में श्रोताओं की भारी भीड़ में कथा का आयोजन श्री बाबा परमहंस महाराज गुरु सेवा दल समिति द्वारा किया जा रहा है रात्रि में रामकथा का भी आयोजन होता है।
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वही 25 अप्रैल को देर शाम पूजन के बाद पहले दिन रात्रिकालीन बेला में 8 बजे से रामकथा शुरू हुई जो रात 10 बजे तक चलती रही। विश्राम 3 मई को, पूर्णाहुति एवं भंडारा 4 मई को होगा। श्रीमद भागवत कथा प्रतिदिन दोपहर दो बजे से शाम छह बजे तक एवं श्रीराम कथा रात आठ बजे से दस बजे तक होगी। आयोजकों ने रेल ग्राउंड स्थित बगिया में अधिकाधिक आस्थावानों से कथा श्रवण के लिए पहुंचने का आवाहन किया है ।