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आखिर नियमित दवा सेवन रेणु को फाइलेरिया से मिली मुक्ति

आखिर नियमित दवा सेवन  रेणु को  फाइलेरिया से मिली मुक्ति

आखिर नियमित दवा सेवन रेणु को फाइलेरिया से मिली मुक्ति

इटावा। महेवा ब्लॉक के मुकुटपुर ग्राम की 25 वर्षीया रेणु (काल्पनिक नाम) लगभग आठ वर्ष से फाइलेरिया से ग्रसित हैं | वह बताती हैं कि उनका बायां पैर फाइलेरिया से प्रभावित है । शुरुआत में जब यह समस्या हुई तब किसी ने ध्यान नहीं दिया लेकिन कुछ समय बाद जब समस्या अधिक होने लगी तब निजी चिकित्सक से संपर्क किया और उनसे इलाज करवाया लेकिन लंबे समय तक इलाज कराने पर भी कोई आराम नहीं मिला। रेणु ने बताया कि इस वर्ष फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत घर-घर जाकर फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जा रही थी तभी हमारे क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता रमाकांती ने नाम लिख लिया और सारी जानकारी ली।

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कुछ समय बाद सामुदायिक स्वास्थ केंद्र महेवा से फोन आया, जिसमें डॉ गोरव त्रिपाठी ने बताया कि महेवा समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर फाइलेरिया से ग्रसित लोगों को शिविर में निशुल्क दवा वितरित की जाएगी आप आकर दवा का सेवन कर लें। रेणु में बताया कि निजी चिकित्सालयों द्वारा दी गई दवाई महंगी भी थी और कोई फायदा नहीं मिल रहा था इसीलिए फाइलेरिया की दवा लेने के लिए पिछले माह सीएचसी पर गई और मुझे 12 दिन की दवा दी गई। दवा खाने के बाद मुझे पिछले आठ वर्षों में जो फायदा नहीं दिखा था, वह इस दवा को खाने के बाद दिखने लगा और मुझे विश्वास हो गया कि अगर मैं दवा खाऊंगी तो निश्चित रूप से आराम मिलेगा। रेणु बताती हैं कि शिविर में मुझे पैर से संबंधित व्यायाम और साफ-सफाई के संदर्भ में गहनता से जानकारी दी गई।

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रेणु ने बताया कि शिविर में आए डॉ शिवकांत व फाइलेरिया उन्मूलन टीम ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से समय समय पर विशेष शिविर आयोजित किए जाएंगे जिसमें मरीज से संपर्क कर उन्हें निशुल्क दवा वितरण होगी व दवा का सेवन अगर समय से किया जाए तो फाइलेरिया जैसी समस्या में मरीज को बहुत आराम मिलता है यह विशेषज्ञों द्वारा बताया गया और ऐसा दवा खाने के बाद मैंने भी स्वयं भी अनुभव किया। रेणु का कहना है कि फाइलेरिया जैसी बीमारी के प्रति जागरुकता जरुरी है क्योंकि लापरवाही और गलत इलाज से परेशानी बढ़ जाती है। इसीलिए मैंने संकल्प लिया है जो भी फाइलेरिया ग्रसित मरीज मेरे संपर्क में आएंगे उनको जागरुक करूंगी।

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इसीलिए मैं लोगों से अपील करती हूं कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत घर-घर जाकर निशुल्क दवा वितरण जब भी हो वह दवा अवश्य खाएं और फाइलेरिया से ग्रसित रोगी निजी चिकित्सालय न जाकर सरकारी अस्पताल और नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर निशुल्क दवा के संदर्भ में जानकारी लें और दवा का सेवन अवश्य करें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बी एल संजय ने कहा कि नियमित दवा सेवन से फाइलेरिया प्रबंधन है संभव साल में एक बार लगातार पांच साल तक डीईसी और अल्बेंडाजोल की दवा का सेवन किया जाए तो संक्रमण का फैलाव रुक जाता है। इन दवाओं से कोई नुकसान नहीं है। यह सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर आसानी से और नि:शुल्क उपलब्ध हैं।  अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी संचारी रोग नोडल डॉ प्रदीप गुप्ता ने बताया कि जनपद में 206 हाइड्रोसील और 112 हाथीपांव से ग्रसित मरीज हैं । हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं कि जनपद में फाइलेरिया संबंधित इलाज के संदर्भ में लोग जागरुक हों और निशुल्क इलाज का फायदा लें।

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