कानपुर। गैंगस्टर विकास दुबे के सहयोगी जय बाजपेई को पुलिस ने रविवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। उससे हिरासत में लेकर पिछले कई दिनों से पूछताछ की जा रही थी। पुलिस के अनुसार जय विकास को कारतूस सप्लाई करता था, घटना से एक दिन पहले ही उसने नगदी व कारतूस विकास को पहुंचाए थे।
बिकरू गांव में देश भर को हिला देने वाली 2 जुलाई की घटना के बाद कानपुर में काकदेव पुलिस ने जय बाजपेई की बताई जा रही तीन लग्जरी गाड़ियां लावारिस हालत में बरामद की थीं।
यह भी देखें… औरैया में प्रतिबंध के उल्लंघन में 274 वाहनों का चालान,41650 जुर्माना वसूला
5 लाख के इनामी गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद कानपुर के ब्रह्मनगर में रहने वाले कारोबारी जय बाजपेई को पुलिस ने रविवार देर रात गिरफ्तार किया। उस पर विकास को कारतूस सप्लाई करने की पुष्टि हुई है। इसके साथ मुठभेड़ में मारे गए बऊआ मिश्र के जीजा प्रशांत शुक्ल को भी पकड़ा है। दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
पुलिस ने बताया कि 2/3 जुलाई की रात बिकरु गांव में दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास और उसके गैंग के सदस्यों ने फायरिंग की थी। इसमें एक डीएसपी व एक थानाध्यक्ष सहित 8 पुलिस कर्मी शहीद गए थे। सात अन्य पुलिसवाले जख्मी हुए थे।
यह भी देखें… औरैया में फूटा कोरोना बम, एक साथ मिले 19 पाजिटिव मरीज
फोन कर विकास ने जय को 1 दिन पहले बुलाया था गांव
घटनाक्रम को लेकर थाना चौबेपुर में एक केस दर्ज किया गया था। जांच में पाया कि जय बाजपेई और उसके साथी प्रशांत ने घटना से पहले विकास की मदद की थी। घटना से एक दिन पहले 1 जुलाई को विकास ने जय बाजपेई को फोन कर कुछ रुपयों के साथ कारतूसों की डिमांड की थी। 2 जुलाई को गांव पहुंचकर जय ने विकास को 2 लाख रुपए नकद और 25 हजार रुपए के कारतूस दिए थे। घटना को अंजाम देने के बाद विकास और उसके साथियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए जय 3 लग्जरी गाड़ी लेकर भी जा रहा था, लेकिन पुलिस की बढ़ती घेराबंदी के चलते तीनों गाड़ियों को थाना काकादेव इलाके में लावारिस छोड़कर चला गया था। लंबी पूछताछ और सबूतों के आधार पर पुलिस ने जयकांत और प्रशांत पर केस दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
यह भी देखें… गणित के स्टूडेंट ने लिखी सिंधु सभ्यता पर किताब
जय के आर्थिक साम्राज्य की पड़ताल शुरू
जय बाजपेई ने पिछले कुछ सालों में कानपुर में करोड़ों रुपए की संपत्तियां बनाईं। यह सभी संपत्तियां और उसका लेनदेन जांच के दायरे में है। कानपुर में करोड़ों की संपत्ति के साथ ही विदेशों में संपत्ति की जांच कर रही टीम को अंदेशा है कि ऐसे सौदा बेनामी खातों और हवाला नेटवर्क के जरिए किए गए हों।आगे जांच के दौरान आयकर टीम उन खातों और हवाला रैकेट तक पहुंचने की कोशिश करेगी। अभी तक जय के बैंक खातों से इस बात के सबूत नहीं मिले हैं कि पैसे विदेशों में भेजे गए हों। अधिकारियों को आशंका है कि विदेशों में पैसा खपाने के लिए हवाला रैकेट का इस्तेमाल किया गया। माना जा रहा है कि विकास की काली कमाई जय बाजपेई के जरिए ही खपाई जाती थी। इन्हीं सब बिंदुओं पर जांच एजेंसियों की जांच आगे बढ़ रही है।