नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में विधायकों के वेतन में वृद्धि संबंधी विधेयक को पारित कर दिया गया है। मंत्री कैलाश गहलोत ने सदन में विधायकों, मंत्रियों, चीफ व्हिप, स्पीकर, डिप्टी स्पीकर और लीडर ऑफ ऑपोजिशन के वेतन भत्ते में बढ़ोतरी का बिल पेश किया। इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के विधायक एकमत नजर आए। चर्चा में हिस्सा लेने वाले सभी सदस्यों ने विधायकों की सैलरी को बेहद कम बताते हुए इसमें इजाफे का समर्थन किया। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसके लिए टैक्सपेयर्स को भी धन्यवाद दिया।
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विधेयक में वेतन में 66 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया है। वेतन में वृद्धि से जुड़े कुल 5 बिल आज सदन में पेश किए गए। इनमें मंत्रियों के वेतन और भत्ते में संसोधन का बिल, सदन के सदस्यों यानी विधायकों के वेतन और भत्ते में संसोधन का बिल, चीफ व्हिप के वेतन और भत्ते में संसोधन का बिल, विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन और भत्ते में संसोधन का बिल और नेता प्रतिपक्ष के वेतन और भत्ते में संसोधन का बिल शामिल हैं। बता दें कि दिल्ली विधानसभा से वर्ष 2015 में इस विधेयक को पास किया गया था।
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लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय में कहीं ना कहीं ये मामला अटका हुआ था। बीते छह वर्षों से विधायकों की सैलरी बढ़ाए जाने की चर्चाएं चल रही थी। लेकिन अब केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से विधायकों की सैलरी बढ़ाए जाने की इजाजत दे दी गई है। बीते मई में केंद्र ने इस मंजूरी दी। उसके बाद एलजी की मुहर लग चुकी है।
वेतन में होगी 66% की वृद्धि
मौजूदा समय में दिल्ली में विधायकों की कुल सैलरी 54000 रुपए है। जबकि संशोधित विधेयक के बाद उनका वेतन 90,000 रुपए हो जाएगा। यानी विधेयक पास होने से विधायकों के वेतन में 66% की वृद्धि होगी