इटावा: सैफई चिकित्सा विश्वविद्यालय सैफई में आगरा प्रशासन द्वारा भेजे गये 70 कोरोना पाॅजिटिव मरीजों में से 30 मरीजों को आज डिस्चार्ज कर दिया गया जिसमें एक 11 महीने की बच्ची वेदान्शी भी है। इन मरीजों में 17 पुरूष, 12 महिला एवं 01 बच्ची है। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 डा0 राजकुमार ने बताया कि इससे पहले आगरा के रहने वाले एक ही परिवार के 03 मरीजों को दो दिन पहले ही डिस्चार्ज किया जा चुका है। इन सभी मरीजों ने कोराना महामारी को मात देकर नयी जिंदगी पायी है तथा इसके लिए सभी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने बताया कि ये सभी मरीज भी कोरोना वारियर्स हैं जिन्होंने इलाज के दौरान अनुशासनपूर्वक कोविड-19 अस्पताल प्रशासन का इलाज के दौरान सहयोग किया तथा चिकित्सकों एवं हेल्थ केयर वर्कर्स द्वारा बताये गये जरूरी सलाह को माना और आज वह पूरी तरह ठीक हो कर अस्पताल से डिस्चार्ज हो रहे हैं।
प्रो0 राजकुमार ने यह भी बताया कि इन सभी 30 ठीक हुए मरीजों को इस निर्देश के साथ डिस्चार्ज किया जा रहा है कि यहाॅ से जाने के बाद वह दो हफ्ते सेल्फ क्वारंटाइन में रहेंगे तथा इसके साथ ही उन्हें क्वारंटाइन सम्बन्घि गाइडलान की प्रति भी दी गयी है। प्रो0 राजकुमार ने यह भी कहा कि जल्द ही विश्वविद्यालय के कोविड-19 अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों के लिए भी इसी प्रकार की खुशखबरी आने की सम्भवाना है। वर्तमान में कोविड-19 अस्पताल में कुल 43 मरीज आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हैं इनमें से 38 मरीज आगरा प्रशासन द्वारा भेजे गये शेष हैं, आइसोलेशन वार्ड वाले सभी मरीजों की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है। इससे उम्मीद है कि ये सभी स्वस्थ होकर जल्दी घर लौटेंगे।
डिस्चार्ज होने के बाद कोरोना को मात देने वाले इन मरीजों का कहना था कि हम यदि आज अपने घर लौट रहे हैं तो इसका पूरा श्रेय डाॅक्टर्स, मेडिकल स्टाफ तथा विश्वविद्यालय कोे जाता है, जिन्होंने हमारी इतनी सेवा कर हमें ठीक किया। अधिकांश ठीक होने वाले मरीजों का कहना था कि कोविड-19 मरीजों के विश्वविद्यालय द्वारा चलाये गये योगा एवं ध्यान तथा आयुर्वेदिक काढ़ा का उनके तथा उनके साथी मरीजों पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ा तथा उनके हेल्थ में तेजी से सुधार हुआ और वह कोरोना की जंग में विजयी होकर निकले हैं। कुलपति राजकुमार ने कहा यदि हमारे दुआरा बताये गये काढ़ा का प्रयोग कोरोना मरीजों पर किया जाए तो यह कोरोना मरीजों के लिये संजीवनी का कार्य करेगा।
विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डा0 रामाकन्त यादव ने बताया कि सभी ठीक हुए लोग दो सप्ताह तक अपने-अपने घर में क्वारंटाइन रहेंगे तथा उन्हें बाहर निकलने की अनुमति नहीं रहेगी। इस होम क्वारंटाइन के गाइडलाइन्स का पूर्णरूप से पालन हो इसका प्रबन्ध आगरा का जिला प्रशासन तथा चिकित्सा विभाग करेगा। इन सभी मरीजों को विस्तृत डिस्चार्ज सर्टिफिकेट के साथ होम क्वारंटाइन सम्बन्धी गाइडलाइन की प्रतिलिपि दी गयी है साथ ही इनके विदाई के समय उन्हें मेडिटेशन की बुकलेट भी वितरित की गयी।