लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को बी-पैक्स सदस्यता महा अभियान-2023 का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर अभियान का शुभारम्भ करने के पश्चात इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। बी-पैक्स (साधन सहकारी समितियां) सदस्यता महा अभियान-2023 (01 से 30 सितम्बर, 2023) तक पूरे प्रदेश में आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर उन्होंने बी-पैक्स सदस्यता अभियान से जुड़ने के लिए ऑनलाइन पोर्टल www.pacsmember.in और टोल फ्री नम्बर 1800212884444 का शुभारम्भ किया।
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उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह अभियान सफलतापूर्वक आगे बढ़कर प्रदेश में सहकारिता आंदोलन को नई गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेगा। समाज को साथ लेकर चलने वाले लोग इसके माध्यम से चुनकर आएंगे और सहकारिता आंदोलन को प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप सहकार से समृद्धि की ओर ले जाने में अपना योगदान देंगे।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सहकारिता प्राचीन काल से ही भारतीय परम्परा का अभिन्न अंग रहा है। संयुक्त परिवारों की परम्परा इसका एक आदर्श उदाहरण है। गांवों और कस्बों में समाज की सहभागिता से आयोजित होने वाले सभी धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम इसके विभिन्न अंग रहे हैं। पहले समाज आपस में मिलकर सहयोग की भावना से विद्यालयों तथा विभिन्न संस्थानों का निर्माण करता था। यह सहकारिता का ही आदर्श उदाहरण है। वास्तव में समाज की सहभागिता से जब कोई कार्य आगे बढ़ता है तो उसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सहकारिता के क्षेत्र में पहले बड़ी-बड़ी चीनी मिलें संचालित होती थीं तथा किसानों की समृद्धि का माध्यम बनती थी। इनके द्वारा सड़कों, स्कूल और चिकित्सालयों के निर्माण में योगदान किया जाता था। प्रदेश में कुछ असामाजिक तत्वों की प्रतिस्पर्धा में फंसकर सहकारिता आंदोलन फीका पड़ गया था। डबल इंजन की सरकार सहकारिता को समृद्धि के साथ जोड़ते हुए इसे आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। इसके लिए अनेक कार्यक्रम प्रारम्भ किये गये हैं।
उन्होंने कहा कि सहकारिता की सबसे आधारभूत इकाई पैक्स अभी तक बीज और खाद बेचने तक सीमित रहती थी। अब इसे कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है। अब इसके द्वारा अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। गांव-गांव में कृषक सहकारी समितियों के माध्यम से गोदाम निर्माण का कार्य चल रहा है। किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए कई रचनात्मक कार्यक्रम चल रहे हैं, जिसके माध्यम से किसानों के चेहरे पर खुशहाली लाई जा सकती है।
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प्रदेश अपनी समृद्ध कृषि के लिए जाना जाता रहा है। यहां उर्वर भूमि और अच्छे जल संसाधन हैं। राज्य में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से 02 करोड़ 61 लाख से अधिक किसान सीधे-सीधे जुड़े हैं। प्रदेश में लगभग 03 करोड़ से अधिक किसान मौजूद हैं, जो इस अभियान से जुड़कर प्रदेश की कृषि को समृद्ध बनाने में सक्षम होंगे।स्वतंत्रता के समय देश की कुल जी0डी0पी0 में कृषि का योगदान लगभग 40 प्रतिशत था। वर्तमान में यह लगभग 16 से 17 प्रतिशत है। प्रदेश की जी0डी0पी0 में कृषि का योगदान लगभग 25-26 प्रतिशत है। यदि प्रदेश के किसानों को समय पर बीज, खाद और अन्य संसाधन प्राप्त हों तथा समय पर हमारी यह समस्त इकाइयां प्रभावी ढंग से कार्य करना प्रारम्भ कर दें, तो अन्नदाता किसान धरती से सोना उगाने का काम करेगा। इसके लिए किसानों को सुविधाओं से युक्त करना पड़ेगा।