औरैया। जिले में 24 घंटे में यमुना नदी का जलस्तर अचानक चार मीटर बढ़ने के साथ पानी की रफ्तार तेज हो गयी है। नदी का जलस्तर बढ़ने से किसानों की फसलें जलमग्न हो गयीं हैं। औरैया सदर के एसडीएम रमेश यादव ने संभावित बाढ़ प्रभावित ग्रामों का किया दौरा। उन्होंने अस्ता गांव पहुंचकर लिया जायजा। बाढ़ की संभावना पर लोगों की सुरक्षा के लिए इन्तजामातों की व्यवस्था परखी।
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आधिकारिक सूत्रों के अनुसार चंबल नदी में पानी का स्तर बढने के साथ ही यमुना नदी में भी पानी की रफ्तार बढ़ चली है। पानी के स्तर में लगातार प्रति घंटा हो रही 20-25 सेमी की वृद्धि से मंगलवार शाम छह बजे तक पैमाने पर 107.75 मीटर पर पानी ने आमद दर्ज करा दी है। यमुना नदी में 24 घंटे में चार मीटर से अधिक बढ़े पानी को लेकर नदी किनारे बसे गांवों के लोगों की चिंताएं बढने लगी हैं। सोमवार को जहां जल का स्तर 103.70 मीटर से कुछ ज्यादा था वहीं मंगलवार की सुबह 11 बजे जल स्तर ने पैमाने पर 106.25 मीटर पर आकर बढ़त जारी रखी और शाम होते-होते जलस्तर 107.75 मीटर पर पहुंच गया।
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नदी में पानी बढने के कारण लोगों के मन में 2019 जैसे हालात होने की आशंका बनने लगी है। वहीं यमुना का जलस्तर बढने की सूचना पर उपजिलाधिकारी अजीतमल रमापति ने बाढ़ प्रभावित गांवों का निरीक्षण कर स्थिति की जानकारी ली। उधर यमुना का जल स्तर देखने के लिए पुल पर लोगों की भीड़ जमा हो रही है। पानी बढने से नदी किनारे बसे बीहड़ी क्षेत्र के लोगों के माथे पर लकीरें बढने लगी हैं। बीहड़ी क्षेत्र में खेती करने वाले किसान व लकड़ी काटकर गुजारा करने वाले लोगों के सामने एक बार फिर से गंभीर समस्या खड़ी हो सकती है।
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