बंगलूरू । कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई), ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और बजरंग दल जैसे संगठनों पर समाज में शांति भंग करने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कर्नाटक की भाजपा सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि ”हिम्मत” है तो इन पर प्रतिबंध लगाए।
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राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता ने सरकार को शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक चीजों को करने की सलाह दी और यह सुनिश्चित करने को कहा कि यह (शांति) भंग न हो। सिद्धारमैया ने राज्य में कुछ संगठनों पर प्रतिबंध लगाने पर सरकार के विचार के बारे में एक सवाल के जवाब में पत्रकारों से कहा, ”किसने मना किया? अगर हिम्मत है तो कीजिए। समाज में शांति भंग करने वाले संगठनों एसडीपीआई, एआईएमआईएम, आरएसएस, बजरंग दल, पर (प्रतिबंध लगाओ) हमें कोई आपत्ति नहीं है।”
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इससे पहले, कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने शुक्रवार को कहा कि सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर हुब्बाली में हालिया हिंसा के पीछे कुछ संगठनों सहित कई “अज्ञात शक्तियों” का हाथ था और उन्हें न्याय के दायरे में लाया जाएगा।उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ऐसे संगठनों की गतिविधियों को नियंत्रित करने पर विचार कर रही है, जिसमें उन पर प्रतिबंध लगाना भी शामिल है। हुब्बाली में हाल के दिनों में हुई हिंसा की निंदा करते हुए, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए और निर्दोषों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने अरागा पर निशाना साधते हुए उन्हें ”गैर जिम्मेदार और गृह मंत्री पद के लिए अनुपयुक्त” करार दिया।