गुरु पूर्णिमा पर बधाई
हिंदू परंपराओं में यह दिन आध्यात्मिक गुरुओं की पूजा और सम्मान का विशेष दिन होता है। यह दिन महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास का जन्मदिन भी है, जिसे गुरु पूर्णिमा कहते हैं। वे संस्कृत के प्रकांड विद्वान थे और उन्होंने चारों वेदों की भी रचना की थी। इस कारण उनका एक नाम वेदव्यास भी है। उन्हें आदिगुरु भी कहा जाता है और उनके सम्मान में गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा नाम से भी जाना जाता है। कहा गया है कि गुरु से दीक्षा लिए बिना जप, पूजा वगैरह सब निष्फल जाता है । अतः इस गुरु दीक्षा के तहत गुरु अपने शिष्य को एक गुरु मंत्र और जीवन उपयोगी वाक्य देते हैं। जब आप जीवन की उलझनों में फंसे हों, कोई निर्णय नहीं ले पा रहे हों तो गुरु ऐसे प्रतिकूल समय का सामना करने के लिए मार्ग दिखाते हैं।