नई दिल्ली। देश के सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम (एमएसएमई) उद्योग में काम करने वाले कुल कर्मचारियों में महिलाओं की हिस्सेदारी करीब 24 प्रतिशत है।नौकरी के बारे में सूचना देने वाली कंपनी सीआईईएल ह्यूमन रिसोर्सेज सर्विसेज ने मंगलवार को जारी अपने अध्ययन में बताया कि यह आंकड़ा देश के अन्य उद्योगों की तुलना में अधिक है।
यह भी देखें : मोदी नामीबिया से लाये गये चीतों को कूनो राष्ट्रीय पार्क में छाड़ेंगे
अध्ययन में कहा गया कि देश में 20 प्रतिशत से अधिक सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों का स्वामित्व महिलाओं के पास है, जबकि 23.4 प्रतिशत के साथ पश्चिम बंगाल सबसे आगे है।कंपनी की तरफ से ‘एमएसएमई क्षेत्र में रोजगार के रुझान’ का अध्ययन हाल में किया गया है।अध्ययन के अनुसार, एमएसएमई क्षेत्र में 50 प्रतिशत से अधिक नौकरियों के साथ बिक्री और कारोबार विकास खंड में प्रतिभा या कर्मचारियों की सबसे अधिक मांग है।
यह भी देखें : टाइटन कंपनी लिमिटेड ने मैराथन रिले-रेस के साथ शुरू की ‘गो ग्रीन’ पहल
अध्ययन में कहा गया कि पिछले दो वर्षों में एमएसएमई क्षेत्र में कर्मचारियों की संख्या में 45.5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र अर्थव्यवस्था के विकास के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है।उन्होंने कहा कि सरकार की कई योजनाएं और पहल एमएसएमई के विकास को एक बड़ा बढ़ावा देती हैं।