अजीतमल। हैलट में भर्ती पति का इलाज कराने के लिए महिला मजदूर (पत्नी) वन विभाग के आला अधिकारियों के सामने मजदूरी का पैसा दिलवाए जाने के लिए गिड़गिड़ाती रही। आला अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। तो सहकर्मी महिला ने मजदूर साथियों से चंदा एकत्र किया। ताकि सहकर्मी के पति का इलाज हो सके। एक महिला सहकर्मी ने अपनी पायलें गिरवी रखकर चंदा देकर दर्द बांटने की कोशिश की।
बता दें कि अजीतमल वन रेंज में बतौर दैनिक श्रमिक के रूप में करीब दो दर्जन मजदूर कार्यरत हैं। इनमें से महिला मजदूरों की संख्या अधिक है। काम कराने के बदले में इन दैनिक श्रमिकों को बोते जून माह से दिहाड़ी का कोई पैसा नहीं दिया गया। भूखों रहने की कगार पर खड़े इनके बच्चों की शिक्षा और पालन पोषण भी बिखर गया। पहचान के लोगों ने भी कर्ज देना बंद कर दिया। बीते गुरुवार को यह श्रमिक अजीतमल कस्बा स्थित वन विभाग कार्यालय पहुंच गए। और हंगामा काटते हुए जून माह से अब तक की गई मजदूरी का रुपया दिलाए जाने की मांग करने लगे।
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मजदूरों ने जिलाधिकारी, डीएफओ सहित कई विभागीय अधिकारियों को पत्राचार के माध्यम से समस्या पौधशाला का निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारी। सुलझाने की गुहार भी लगाई। ताकि उनके बच्चों को शिक्षा अनवरत चल सके। बीमार होने की स्थित में वह इलाज भी करवा सकें। महिला मजदूर नारावण देवी ने बताया कि उनका पति विजयपाल बीमार है। कानपुर के हैलट अस्पताल में भर्ती है। इलाज के लिए भी अब लोगों ने कर्ज देना बंद कर दिया। इलाज न होने की स्थिति में कुछ भी अनहोनी हो सकती है। मजदूरी के पैसे नहीं मिल रहे है। महिला सहकर्मियों ने उसके पति के इलाज के लिए चंदा एकत्र करना शुरू किया। महिला मजदूर मिथलेश ने बताया कि उसने अपनी पायल गिरवी रखकर चंदा दिया।
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क्योंकि किसी के सुहाग की रक्षा से बढ़कर कुछ नहीं है। उषा देवी ने बताया की आज खबर प्रकाशित होने पर आए अधिकारियों ने मजदूरों को बहुत भला बुरा सुनाया। क्षेत्र में कार्यरत बारह पशु रक्षक के पद पर कार्यरत लोगों को भी नी माह से भुगतान नहीं हुआ। शुक्रवार को प्रकाशित खबर का संजान लेकर अजीतमल स्थित वन विभान के कार्यालय पर पहुंचे डीएफओ इंतियाज अहमद सिद्दीकी से इन मजदूरों ने गुहार लगाई। उन्हें प्रार्थना पत्र दिया तो उनके हाथ में पहुंचने से पहले ही रेजर धर्मवीर ने छीन लिया। मजदूर महिलाओं ने बताया की वन रक्षक गोपाल तिवारी व नवाक रेंजर धर्मचौर पर मजदूरों में कमीशन मांगने का भी आरोप लगाया। रेंजा धर्मवीर ने मजदूरों के भुगतन के विषय में बताया की 10-15 दिन में भुगतान करा दिया जाएगा। डीएफओ इंतियाज अहमद सिद्दीकी ने बताया कि उन्हें जानकारी नहीं है।