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दीपावली पर्व का सम्बंध भगवान राम के साथ भगवान कृष्ण से क्यों है ?

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दीपावली पर्व का सम्बंध भगवान राम के साथ भगवान कृष्ण से क्यों है ?
दीपावली पर्व का सम्बंध भगवान राम के साथ भगवान कृष्ण से क्यों है ?
  • सिख , जैन, बुद्ध धर्म के लोग किस कारण यह पर्व मनाते है
  • योगिराज कृष्ण ने भी मारा था इस दिन महादैत्य नरकासुर को
  • अयोध्या के साथ 2 द्वारका भी हुई थी इस दिन पहली बार जगमग

हिन्दू धर्म के अलावा भी सिख, जैन और बुद्ध धर्म के लोग भी प्रकाशोत्सव पर्व दीपावली को जोर शोर से मनाते है। हिन्दू जनमानस , भगवान राम के चौदह वर्षों बाद बनवास से अपने नगर अयोध्या वापस लौटने की खुशी में यह पर्व मनाता है । हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार जब भगवान राम अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ वनगमन से अयोध्या लौटे थे तो अयोध्या वासियों ने खुशी के चलते हजारों दीपक जलाकर मंगलाचरण करते हुए स्वागत किया था । रामायण के अलावा पदम् पुराण, स्कंद पुराण में भी इस प्रकाशोत्सव पर्व का वर्णन है ।

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दूसरी मान्यता के अनुसार द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने जब महादैत्य नरकासुर का वध किया था तो द्वारका वासियों ने दीपक जलाते हुए भगवान श्रीकृष्ण का स्वागत किया था । यह पर्व भारत में ही नहीं बल्कि विश्व के कई देशों पाकिस्तान, अमेरिका, इंग्लैंड अफ्रीका, नेपाल , श्रीलंका , इंडोनेशिया सहित कई देशों में यह पर्व हर्षोल्लास से मनाया जाता है। दीपावली के दिन महालक्ष्मी, महाकाली, गौरी , गणेश आदि देवी देवताओं की पूजा अर्चना विधि विधान से की जाती है । मिष्ठान और विभिन्न पकवान प्रत्येक घरों में बनाये जाते है ।

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इन मिष्ठानों और पकवानों से देवी देवताओं का भोग लगाया जाता है । आतिशबाजी ,पटाखें चलाये जाते है । वर्तमान में त्रेता युग की याद को ताजा करने के लिये यूपी सरकार ने अयोध्या में दीपावली के दौरान लाखों दीपक जलाने की परम्परा की शुरुआत कुछ सालों पूर्व शुरू की थी । लाखों दीपकों के प्रकाश में नहायी अयोध्या की छटा देखते ही बनती है । हिन्दू धर्म के अलावा जैन धर्म के अनुयायी दीपावली के पर्व को अपने तीर्थकर महावीर स्वामी के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते है । वहीं दूसरी ओर सिख समुदाय के लोग इस पर्व को दीपावली के साथ साथ बन्दी छोड़ दिवस के रूप में भी मनाते है ।

मुनीष त्रिपाठी की स्पेशल रिपोर्ट

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