फर्रुखाबाद | फर्रुखाबाद जनपद के शहीद नायब सूबेदार विनोद कुमार पाल का है जो पिछले बर्ष पुलबामा में हुए सीआरपीएफ की बटालियन पर हमले में शहीद हो गए थे नायब सूबेदार पुलवामा के गोंगू क्रासिंग पर अन्य जवानों के साथ चेकिंग कर रहे थे। तभी आतंकियों ने हमला कर दिया। इससे वह जख्मी हो गए। अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया। शहीद पार्क की बदहाली और शहीदों को भुलाने, झूठी घोषणाओं को लेकर भी परिजनों में खासा रोष फैल रहा है। सरकार ने शहीद के नाम पर ऐसी घोषणाएं कर तो दी लेकिन 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी एक भी पूरी नहीं की जा सकी है।
कभी ठंड में ठिठुर कर देख लेना,
कभी तपती धूप में जल के देख लेना,
कैसे होती हैं हिफ़ाजत मुल्क की,
कभी सरहद पर चल के देख लेना
भारत की सेना का मुख्य उद्देश्य देश की सुरक्षा और राष्ट्र की एक एकता को सुनिश्चित करना, देश को बाहरी और आंतरिक खतरों से सुरक्षा प्रदान करना और सीमा पर शांति और सुरक्षा को बनायें रखना हैं. देश के सैनिकों के बलिदान का कर्ज हम कभी नही चुका सकते हैं, वो कड़ाके के ठंड में, धुप और बरसात में दिनरात सरहद की सुरक्षा करते हैं और उन्हीं की वजह से हम अपने घरो में चैन से सोते हैं। सीआरपीएफ के नायब सूबेदार विनोद कुमार पाल (53) कायमगंज क्षेत्र के गांव नगला विधि के मूल निवासी थे कुछ महीने से उनका परिवार मोहल्ला दत्तू नगला नई कालोनी में रहने लगा। 24 जून 2022 को वह 20 दिन छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर गए थे।17 जुलाई 2022 रविवार की दोपहर नायब सूबेदार पुलवामा के गोंगू क्रासिंग पर अन्य जवानों के साथ चेकिंग कर कर रहे थे। तभी आतंकियों ने हमला कर दिया था। इससे वह जख्मी हो गए और अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया था। शहादत की सूचना गांव में परिजनों को मिली तो मातम छ गया था।
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शहीद होने के एक साल बाद पुलवामा शहीद के स्मारक स्थल समेत जिन सुविधाओं के लिए सरकार ने कहा था। उन पर आज तक किसी भी नेता सरकार व अधिकारी ने कोई भी ध्यान नहीं दिया है। जिसकी वजह से शहीद का शहीद स्थल आज भी वैसे ही सुनसान पड़ा हुआ है। और पूरे शहीद स्थल पर घास हो गई है। जिसकी देखरेख उनके परिजन बेटे और पत्नी कर रहे हैं। शहीद के बेटे योगेंदर सिंह ने पिता के शहीद होने के बारे में बताया कि सबसे पहले सीआरपीएफ के अधिकारियों ने उनको घायल होने की सूचना दी और उसके बाद बताया कि वह शहीद हो गए हैं। जिसकी जानकारी उन्होंने काफी देर बाद अपनी मां को दी शहीद का बेटा अपने पिता के शहीद होने की कहानी बताते बताते ही फफक फफक कर रोने लगा शहीद के बेटे ने गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा की पिता के शहीद होने के बाद जो जो वादे किए गए आज तक उस पर किसी भी तरह का कोई ध्यान नहीं दिया गया।
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जिसकी वजह से वह लोग आज परेशान हो रहे हैं और अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं शहीद के बेटे ने बताया कि जैसा कि पिता के शहीद होने के बाद वादा किया गया था। कि नौकरी के साथ कई तरीके की सुविधाओं के साथ स्मारक स्थल का निर्माण कराया जाएगा। लेकिन किसी भी तरह का स्मारक स्थल का निर्माण भी नहीं कराया गया और ना ही उनको किसी भी तरीके की सुविधा दी जा रही है जिसको लेकर कई दर्जन पत्र भी सेना के अधिकारियों के साथ जिले के अधिकारियों प्रदेश के नेताओं को लिख चुके हैं लेकिन अभी तक उनको किसी भी तरह की कोई भी सुविधा नहीं मिल पा रही है।