अमेरिका : अमेरिका में राष्ट्रपति के चुनाव के लिये मतगड़ना जारी है, डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन जीत के करीब पहुँच चुके है । रिपब्लिक डोनाल्ड ट्रम्प ने काँटे की टक्कर दी परन्तु वे बाद में पिछड़ गए । चूकि भारत पर भी अमेरिका की नीतियों का दूरगामी और तात्कालिक प्रभाव पड़ता है ,इसलिये भारत के लिये भी यह चुनाव काफी अहम है। भारत के लिये किसका जीतना बेहतर होगा इसका विश्लेषण इस समय महत्वपूर्ण है । जीत के करीब पहुँच चुके जो बाइडेन जो कि डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार है ।
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अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी , बामपंथी रुझानों वाली पार्टी मानी जाती है । रिपब्लिक ट्रम्प के मुकाबले जो बाइडेन, धुर वामपंथी देश चीन के खिलाफ उतने नहीं है जितने की ट्रम्प और उनकी पार्टी है । ट्रम्प का चीन के खिलाफ सख्त रुख, भारत के लिये सुरक्षा के लिहाज से मायने रखता था। चीन से तनाव के मद्देनजर ट्रम्प सरकार ने भारत को चीन से युद्ध के दौरान प्रत्यक्ष मदत करने की घोषणा की थी । क्या जो बाइडेन ऐसा ही रुख भारत के लिये रखेंगे ? इस प्रश्न का उत्तर भविष्य के गर्त में है। ट्रम्प की भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के साथ व्यक्तिगत दोस्ती भी दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करने में काफी अहम भूमिका रखती थी। आतंकवाद के खिलाफ ट्रम्प का रुख भारत जैसा ही था ।
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वैश्विक परिदृश्य में ट्रम्प पाकिस्तान सहित अन्य एशियाई देशों के मुकाबले भारत के खुलकर पक्षधर थे । ट्रम्प ने भारत को पाकिस्तान के मुकाबले ज्यादा तरजीह दी थी । यदि दोबारा ट्रम्प चुने जाते तो ट्रम्प के छह साल और मोदी के साढ़े चार साल में तमाम अन्य भारत के हितों वाली नीतियों को बढ़ावा मिलता । यद्दपि ट्रम्प सरकार ने अमेरिका के आर्थिक हितों के चलते भारत पर भी कुछ आर्थिक प्रतिबन्ध लगाए थे । इसके अलावा कश्मीर में मध्यस्थता करने का भी राग अलापा था । यहाँ सवाल यह भी उठता है कि क्या डेमोक्रेटिक जो बाइडेन ऐसा नहीं करेंगे?
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रिपोटर – मुनीश त्रिपाठी