यह भी देखें : साठ फीट गहरे बोरवेल में गिरे बच्चे को बचाने लगातार प्रयास जारी
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष किसानों को अच्छा मूल्य मिला था लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध तथा आवागमन की सुविधाओं के अभाव के कारण दुनिया के कई हिस्सों में इसका मूल्य काफी अधिक हो गया था, देश में भी आटे की कीमत में वृद्धि हुई थी जिसमें अब गिरावट आने लगी है। उन्होंने कहा कि फैक्ट्री से तैयार आटे के मूल्य में कमी आ गयी है और मार्च में आटे की खुदरा कीमतों में छह से आठ रुपये प्रति किलोग्राम तक की कमी आ सकती है।
यह भी देखें : एक महीने के फ्री ट्रायल के साथ जियो ने पेश किए नए पोस्टपेड फैमिली प्लान
श्री कुमार ने सरकार से गेहूं के आटे के निर्यात की अनुमति देने की सरकार से मांग करते हुए कहा कि दुनिया के अनेक हिस्सों में भारतीय रहते हैं, जो आटे की कमी की समस्या से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका और यूरोप के कई देशों में आटे की भारी कमी है। उन्होंने गेहूं के निर्यात पर रोक जारी रखने की भी मांग की।
यह भी देखें : नवरात्र और रामनवमी को भव्य तरीके से मनाएगी योगी सरकार
उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से उपलब्ध कराये जाने वाले गेहूं का कुछ हिस्सा बाजार में आ जाता है जिससे इसका मूल्य प्रभावित होता है। संवाददाता सम्मेलन के दौरान फेडरेशन के कई अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे।