- हिंसा, धर्मपरिवर्तन अथवा पलायन
- पाकिस्तान में अब दो प्रतिशत से कम ही हिंदू बचे है
पाकिस्तान | पाकिस्तान में लगभग लगातार प्रतिदिन किसी न किसी अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्तियों की प्रताड़ना और हिंसा की खबरें आती रहती है। हालात यह है कि वहाँ के अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भारत की ओर आशा भरी निगाहों से देखते रहते है इसीलिए बीते सालों में पाकिस्तान से भारत की ओर अल्पसंख्यक समुदाय खासकर हिंदुओं का पलायन काफी बढ़ा है । पाकिस्तान में लगातार अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हो रही घटनाओं से बदतर हालात बनते जा रहे है। अल्पसंख्यक समुदाय खासकर हिंदुओं को हर समय ईशनिंदा कानून का भय सताता रहता है । हिंदू लड़कियों के अपहरण,जोर जबरदस्ती से शादी की घटनाएं दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ रही है ।
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हिंदुओ का जबरन धर्म परिवर्तन के प्रयास किये जा रहे है । इन प्रयासों के कारण हिंदुओं का धर्मान्तरण भी तेजी से हो रहा है।पाकिस्तान में बटवारे के पहले पाकिस्तान में हिंदुओ की जनसंख्या लगभग 22 प्रतिशत थी । परन्तु बटवारें के बाद पाकिस्तान में 1951 की जनगणना के अनुसार घटकर 14.20 रह गई । हिंदुओं का कुछ सालों में गिरता यह प्रतिशत हिंदुओं का बड़ी संख्या में पाकिस्तान से भारत में पलायन की ओर ही इंगित करता है। बीते सालों में लगातार पाकिस्तान से हिंदुओं की संख्या घटती ही रही वर्तमान में यह घटकर दो प्रतिशत से भी कम हो गई ।
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आखिर हिंदुओं की जनसंख्या में भारी मत प्रतिशत में गिरावट का कारण क्या है ? इसके तीन ही कारण हो सकते है । प्रथम यह है कि उनका भारी मात्रा में कत्लेआम हुआ हो लेकिन यह प्रतीत नही होता। दूसरा कारण उनका अपने देश से पलायन हुआ हो यह सच है कि प्रताड़ना और हिंसा के चलते उनका पलायन पाकिस्तान से भारत की ओर हुआ हो परंतु इतना भी नही कि इस कारण से उनकी जनसंख्या में पाकिस्तान में इतनी कमी हो जाये । तीसरा सबसे महत्वपूर्ण कारण जो सबसे सटीक बैठता है वह है धर्मान्तरण का ।
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हिंसा और प्रताड़ना के चलते हिंदुओं को विगत वर्षों में भारी संख्या में अपना धर्म छोड़ना पड़ा जिसके चलते ही हिंदुओं की जनसंख्या में भारी गिरावट हो सकती है । उपरोक्त वर्णित तीनों कारण तो पाकिस्तान में हिंदुओं की संख्या में गिरावट में भूमिका अदा करते ही है परंतु मुसीबत में धर्म परिवर्तन वहां हिंदुओं की संख्या में गिरावट सबसे महत्वपूर्ण कारण है।