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गांवों में कोविड से बचाव को जागरूक करेंगे वालंटियर

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Volunteer Registration
फोटो – कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार को जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने बैठक में कोरोना संक्रमण बचाव को लेकर दिशा निर्देश दिए
  • कोविड वालंटियर करेंगे महामारी में बचाव और राहत कार्य
  • कोविड-19 के लक्षण नजर आते ही स्वास्थ्य विभाग को देंगे जानकारी

औरैया । कोविड-19 से बचाव व राहत कार्यों के लिए कोविड वालंटियर अब गांवों में तैनात किए जाएंगे। स्मार्ट फोन रखने वाले और ग्रैजुएट को वरीयता दी जाएगी। इनकी निगरानी जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय कमेटी करेगी।
इस संबंध में सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार कक्ष में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में सीएमओ अर्चना श्रीवास्तव ने बताया कि मंगल दल और रेडक्रॉस के 300 युवक-युवतियों को कोविड-19 हेतु चयनित किया गया है।

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जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण शहरों के अलावा अब गांवों की ओर पांव पसार रहा है। इसलिए ग्रामीण इलाकों में इसकी रोकथाम व नियंत्रण के लिए सरकारी मशीनरी के साथ स्वयंसेवकों की मदद लेने का भी फैसला किया है। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी चयनित कोविड वालंटियर को प्रशिक्षण दिया जाये। तैनाती के दौरान उन्हें दो मास्क, एक सैनिटाइजर की बोतल और कोविड वालंटियर लिखी एक टी-शर्ट दी जाए। कोविड वालंटियर को गांवों में लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए जागरूक करना होगा। वे गांव-गांव प्रचार प्रसार करेंगे और जिन लोगों को होम क्वारंटीन किया जाएगा, उनके घरों पर फ्लैक्स लगवाकर चिन्हित करेंगे। गांव में अगर कहीं भी कोरोना संक्रमण के लक्षण नजर आते हैं तो उसकी रिपोर्ट डीजी हेल्थ की वेबसाइट dgmhup.gov.in/en/volunteers reporting पर अपलोड करेंगे। गांवों में काम करने के दौरान कोरोना वालंटियर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमिटी के संपर्क में रहेंगे और उनके सुझाव के अनुसार कार्य करेंगे।

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अहम भूमिका निभाने पर मिलेगा प्रमाण पत्र

सीएमओ ने बताया कि प्रारंभ में इनके स्वैच्छिक कार्य की अवधि 3 महीने होगी जिसे बाद में प्रदेश में कोविड-19 परिदृश्य के दृष्टिगत विस्तारित किया जा सकता है। इस सेवा कार्य के लिए उन्हें किसी प्रकार का मानदेय नहीं दिया जाएगा परंतु सेवा अवधि पूर्ण होने के पश्चात इन स्वयं सेवकों को इस आशय का एक प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।

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कमेटी करेगी वालंटियर के कार्यो का अनुश्रवण

कोविड वालंटियर के पंजीकरण और उनके कार्यों की निगरानी के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमिटी गठित की जाएगी। इसमें अध्यक्ष के अलावा मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) और अपर मुख्य चिकित्साधिकारी रहेंगे। इसके अलावा जिलाधिकारी स्वयंसेवी संस्थाओं के जिला स्तरीय संयोजकों को अपने विवेक के अनुसार समिति के सदस्य के रूप में नामित कर सकेंगे।

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21 से 30 के बीच का कोई भी स्नातक कर सकता आवेदन

जिलाधिकारी ने बताया कि स्मार्ट फोन रखने वाले और बातचीत में स्मार्ट ग्रैजुएट को गांवों में सेवा देने के लिए ”http://dgmhup.gov.in/en/volunteerRegistration” पर पंजीकरण करवा सकेंगे। पंजीकरण करवाने वाले वालंटियर की उम्र 21 से 30 साल के बीच होनी चाहिए। पंजीकरण के बाद स्वास्थ्य विभाग वालंटियर को कोविड-19 की रोकथाम व बचाव के लिए प्रशिक्षण देगा। प्रशिक्षित होने के बाद वालंटियर को तीन माह के लिए तैनात किया जाएगा। उन्हें पारिश्रमिक नहीं बल्कि प्रमाण पत्र दिया जाएगा। वालंटियर का काम बेहतर होने और गांव में कोविड-19 के हालात के आधार पर उनकी सेवा तीन माह से आगे बढ़ाई जाएगी। इस मौके पर एसीएमओ डॉ अशोक सहित अन्य सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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