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बच्चों व गर्भवती के लिए वरदान है टीकाकरण, समय से लगवाएँ टीका – डॉ शाक्य

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बच्चों व गर्भवती के लिए वरदान है टीकाकरण, समय से लगवाएँ टीका – डॉ शाक्य
  • सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 का दूसरा चरण शुरू, 16 सितम्बर तक चलेगा
  • छूटे पाँच वर्ष तक के 7322 बच्चों व 1871  गर्भवती का होगा टीकाकरण
  • प्रतिकूल प्रभाव व गंभीर स्थिति से निपटने को रैपिड रिस्पोंस टीम तैयार 
दिबियापुर। जन्म से लेकर पाँच वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित भविष्य के लिए टीकाकरण वरदान की तरह है। यह टीके बच्चों को 11 जानलेवा बीमारियों से तो बचाते ही हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास करते हैं। जबकि गर्भवती महिलाओं को लगने वाला टिटिनेस-डिप्थीरिया (टीडी) का टीका उनको और पैदा होने वाले शिशु को इस बीमारी से बचाता है। यह सभी टीके समय पर लगना बहुत जरूरी है।
उक्त बातें उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ वीपी शाक्य ने सोमवार को दिबियापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 अभियान के दूसरे चरण के शुभारंभ समारोह पर कहीं। इस दौरान उन्होंने बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई। साथ ही कहा कि टीकाकरण से वंचित बच्चों व गर्भवती का टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए। सम्पूर्ण टीकाकरण (फूल इम्यूनाईज़ेशन) प्रत्येक बच्चे का अधिकारी है। टीकाकरण पूर्ण रूप से सुरक्षित है और सभी आवश्यक टीके समस्त सरकारी अस्पतालों, स्वास्थ्य केन्द्रों और टीकाकरण सत्रों पर उपलब्ध है।
टीकाकरण के लिए बच्चों का टीकाकरण कार्ड साथ लेकर जरूर जाएँ। अगर बच्चे को टीकाकरण के बाद बुखार आए तो घबराएँ नहीं, एएनएम की सलाह के अनुसार बच्चे की देखभाल करें। डॉ शाक्य ने कहा कि नियमित टीकाकरण अभियान में किसी कारणवश छूटे पाँच वर्ष तक के बच्चों व गर्भवती महिलाओं को प्रतिरक्षित करने के लिए समस्त जनपद में अभियान का दूसरा चरण 11 सितम्बर सोमवार से शुरू हुआ। यह चरण 16 सितम्बर तक चलेगा। उन्होंने कहा कि अपने घर व आसपास के परिजनों को बच्चे के टीकाकरण कराने के लिए पीएचसी-सीएचसी जाने के लिए प्रेरित करें। कोई भी बच्चा छूटा हो तो उसका टीकाकरण अवश्य कराएं। टीकाकरण के प्रति उदासीन परिवार को जागरूक करें। उन्हें बताएं कि सभी टीके पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं। टीका लगने के बाद सामान्य बुखार हो सकता है लेकिन घबराने की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा गंभीर स्थिति या प्रतिकूल प्रभाव से निबटने को रैपिड रिस्पोंस टीम (आरआरटी) तैयार की गई है।
लाभार्थियों के बोल – दिबियापुर निवासी सोनी देवी ने सीएचसी पहुँचकर अपनी बच्ची को पोलियो की एफ़आईपीवी खुराक लगवाई। उन्होंने कहा कि आशा दीदी के माध्यम से हमें सभी टीकों की जानकारी समय पर मिल जाती है। इसलिए मेरी बच्ची को जन्म से लेकर छह माह तक के सभी टीके समय से लगे हैं।  दिबियापुर निवासी सारिका ने बताया कि आज उनके डेढ़ माह के बच्चे को पेंटा की पहली डोज़ लगी है। वह टीकाकरण कार्ड साथ में लायी थीं। एएनएम ने अगली डेट पहले से ही लिख दी है। अब वह उसी दिन टीका लगवाने आएंगी। इस मौके पर  चिकित्सा अधीक्षक डॉ विजय आनंद,यूनीसेफ डीएमसी नरेन्द्र शर्मा, बीएमसी सुबोध चतुर्वेदी, आनन्द कुमार,आई ओ हिमांशु चन्दन, चिकित्सक, एएनएम, आशा कार्यकर्ता एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी व उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राकेश सिंह ने बताया की दूसरे चरण में छूटे हुये पाँच वर्ष तक के कुल 7322 बच्चों व 1871 गर्भवती को टीकाकरण के लिए लक्षित किया गया है। उन्होंने बताया कि पहले चरण में लक्ष्य के सापेक्ष कुल 97% बच्चों और गर्भवती का टीकाकरण किया गया था । साथ ही बताया की दूसरे चरण के लिए जनपद में शहरी क्षेत्र व ग्रामीण में कुल 807 टीकाकरण सत्र तैयार किए गए हैं। अभियान में प्रमुख रूप से मीजल्स रूबेला (एमआर) टीकाकरण के साथ ही “पाँच साल, सात बार छूटे न टीका एक भी बार” पर जोर दिया जायेगा । उन्होंने अपील की है कि जन्म से लेकर पांच वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित भविष्य के लिए टीकाकरण वरदान की तरह है इसलिए सभी परिजन जन्म से लेकर पाँच वर्ष तक के सभी बच्चों और गर्भवती का टीकाकरण समय से कराएं। साथ ही बताया कि आईएमआई 5.0 का तीसरा चरण 9 से 14 अक्टूबर तक चलाया जाएगा।

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