लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेंगलुरु , दिल्ली, अयोध्या और प्रयागराज में नए अतिथि गृह स्थापित करने करने के निर्देश दिए हैं। सोमवार को राज्य संपत्ति विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होने कहा कि राज्य अतिथियों के लिए प्रयागराज व अयोध्या में नए गेस्ट हाउस की आवश्यकता है, इसी प्रकार, बेंगलुरु में भी नया अतिथि गृह बनाया जाना चाहिए। इनके लिए यथाशीघ्र भूमि चिन्हित की जाए। वहीं दिल्ली में यूपी भवन और यूपी सदन के साथ-साथ द्वारका स्थित नव लोकार्पित अतिथि गृह ‘इंद्रप्रस्थ’ की उपलब्धता के बाद भी वहां एक नए अतिथि गृह की बड़ी आवश्कयता है।
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गौतमबुद्ध नगर के सेक्टर 148 में इसके लिए उपयुक्त भूमि उपलब्ध है। इसका उपयोग किया जा सकता है। वहीं, लखनऊ में विक्रमादित्य मार्ग लखनऊ स्थित निर्माणाधीन ‘गोमती’ अति विशिष्ट अतिथि गृह का निर्माण कार्य यथाशीघ्र पूरा कर करने के भी निर्देश दिए। विधायक निवास व अतिथि गृहों की व्यवस्था की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने भवनों में सुविधा व सुरक्षा पर खासा जोर दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों में स्थित राज्य सरकार के अतिथि गृहों में आने वाले आगंतुकों को स्वागत सत्कार से लेकर भोजन व रूम सर्विस तक में सुखद अनुभव हो। सीसीटीवी व फायर सेफ्टी सहित भवनों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए सभी आवश्यक प्रबंध होने चहिए। मुख्यमंत्री ने हर विधायक निवास में मानक के अनुरूप आवासीय सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
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अतिथि गृहों में उच्च स्तरीय सेवाओं की उपलब्धता पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने यहां फील्ड विशेषज्ञों की सेवाएं लेने की आवश्यकता भी बताई। उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग के माध्यम से हमें योग्य एवं हॉस्पिटैलिटी में दक्ष युवाओं को अतिथि गृहों में तैनात करना चाहिए। वहीं नियमित कर्मचारियों की योग्यता, दक्षता और कार्य व्यवहार की ग्रेडिंग कराए जाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि कार्मिकों की पदस्थापना इसी ग्रेडिंग के आधार पर ही की जाए। साथ ही विभाग में नीति के अनुरूप स्थानांतरण किया जाए।
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आउटसोर्सिंग के माध्यम से सेवाएं दे रहे कार्मिकों के पुलिस वेरिफिकेशन के निर्देश देते हुये मुख्यमंत्री ने राज्यपालों, न्यायमूर्ति , विदेशी अतिथियों व अन्य अतिविशिष्ट अतिथियों के प्रोटोकॉल के अनुरूप स्वागत सत्कार के प्रबंध करने पर जोर दिया। साथ ही कहा कि अतिविशिष्ट अतिथियों के लिए आवश्यकतानुरूप नए वाहन भी क्रय किए जाएं, साथ ही नियमित अंतराल पर वाहन चालकों का मेडिकल चेकअप भी कराया जाए।