संसद में राष्ट्रपति पर बयान मामले में हंगामा, कार्यवाही स्थगित

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संसद में राष्ट्रपति पर बयान मामले में हंगामा, कार्यवाही स्थगित

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July 29, 2022

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर दिए गए कांग्रेस नेता अधीर रंजन के बयान का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। संसद के दोनों सदनों में सत्ता पक्ष एवं कांग्रेस सदस्यों के परस्पर आरोप-प्रत्यारोप एवं हंगामे के कारण शुक्रवार को लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे बैठक शुरू हुई लोकसभा तो पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत कराए। इस दौरान बीजेपी के सदस्य ‘सोनिया गांधी माफी मांगो’ के नारे लगा रहे थे। बीजेपी के सदस्य गुरुवार से ही चौधरी की ‘राष्ट्रपत्नी’ वाली टिप्पणी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष से माफी की मांग कर रहे हैं। पीठासीन सभापति अग्रवाल ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर बैठने और कार्यवाही चलने देने की अपील की। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने सभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजकर करीब 5 मिनट पर दिन भर के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही दोनों दलों के सदस्य अपने-अपने स्थान पर खड़े हो गए और हंगामा करने लगे। राज्यसभा में नहीं हुआ शून्यकाल और प्रश्नकाल वहीं उच्च सदन में राज्यसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

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हंगामे के कारण आज भी उच्च सदन में ना तो शून्यकाल और ना ही प्रश्नकाल चल सका। पहली बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्य आसन के नजदीक आकर हंगामा करने लगे। वहीं सत्ता पक्ष के सदस्य भी अपने स्थानों पर खड़े होकर नारेबाजी कर रहे थे। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने लोकसभा में कांग्रेस के नेता द्वारा राष्ट्रपति को ‘‘राष्ट्रपत्नी’’ कहे जाने के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष से माफी की मांग उठाई। वहीं विपक्षी सदस्य अपने कुछ साथियों का निलंबन रद्द करने, गुजरात में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत होने, महंगाई और अन्य मुद्दों पर तत्काल चर्चा की मांग कर रहे थे। पीठासीन उपाध्यक्ष सस्मित पात्रा ने हंगामा कर रहे सदस्यों से बार-बार अनुरोध किया कि वे अपने स्थानों पर लौट जाएं और प्रश्नकाल चलने दें। उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल में कई महतवपूर्ण प्रश्न हैं, जो जनता के लिए उपयोगी हैं। उन्होंने कई बार सदस्यों से कहा कि वे प्रश्नकाल को बाधित ना करें और अपने स्थानों पर लौट जाएं ताकि सदन में कामकाज हो सके। सभापति के अनुरोध के बावजूद हंगामा कई अनुरोधों के बाद भी जब उनकी बात का हंगामा कर सदस्यों पर कोई असर नहीं हुआ तो उन्होंने सदन की कार्यवाही पांच मिनट के भीतर ही दिन भर के लिए स्थगित कर दी। इससे पहल, सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए।

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इसके बाद उन्होंने सदन को सूचित किया कि नियत कामकाज स्थगित कर कुछ विषयों पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस मिले हैं। उन्होंने बताया कि कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा और रंजीत रंजन ने सेना में भर्ती की ‘‘अग्निपथ योजना’’ पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सदस्य के सी वेणुगोपाल और मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान, भाकपा सदस्य विनय विश्वम और माकपा के इलामारम करीम ने महंगाई के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिए हैं। हरिवंश ने बताया कि सभापति एम वेंकैया नायडू ने इन्हें अस्वीकार कर दिया है। उन्होंने बताया कि सभापति के अनुसार, महंगाई के विषय पर अगले सप्ताह चर्चा होने जा रही है और पांच नोटिस महंगाई से संबंधित हैं। उपसभापति हरिवंश ने कहा कि कल सभापति ने कहा था कि अन्य विषयों को उन्होंने शून्यकाल में उठाने के लिए मंजूरी दी थी लेकिन ये मुद्दे नहीं उठाए जा सके। इसी बीच कांग्रेस सदस्य और सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कुछ कहना चाहा। उपसभापति ने उन्हें अपनी बात रखने के लिए कहा लेकिन इसी दौरान सदन में हंगामा शुरू हो गया। कुछ सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे। उपसभापति ने सदस्यों से शांत रहने और कार्यवाही चलने देने का अनुरोध किया लेकिन सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने 11 बज कर करीब 10 मिनट पर ही बैठक को दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। गौरतलब है कि 18 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण उच्च सदन में लगातार गतिरोध बना हुआ है।

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