लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नीति की बदौलत प्रदेश मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग में देश का प्रमुख केंद्र बनने की दिशा में बढ़ चला है। राज्य में ओप्पो, वीवो, सेमसंग, लावा और फ़ॉरमी जैसी तमाम कंपनियां ने मोबाइल फोन का निर्माण करने में पहल की है।
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आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि आईटी नीति के चलते राज्य में डिजिटल इंडिया अभियान ने गति पकड़ी है। आईटी मैन्यूफैक्चरिंग के सेक्टर में रिकार्ड निवेश हुआ है और अब अब वह दिन दूर नहीं है, जब देशी विदेशी कंपनियों के भरोसे यूपी मोबाइल फोन मैन्यू फैक्चरिंग का सबसे बड़ा हब बन जाएगा।
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प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री एवं प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि कुछ साल पहले तक राज्य में मोबाइल हैंडसेट के निर्माण में सूबे का नाम तक नहीं लिया जाता था। वर्ष 2014 में देश में मात्र छह करोड़ मोबाइल हैंडसेटों का निर्माण होता था। फिर वर्ष 2015 -16 में 11 करोड़ और 2016-17 में 17.5 करोड़ मोबाइल हैंडसेट का निर्माण देशभर में हुआ। अब 12 करोड़ मोबाइल हैंडसेट का निर्माण यमुना एक्सप्रेसवे विकास प्राधिकरण (यीडा) में स्थापित की जा रही वीवो की फैक्ट्री जल्दी ही होने लगेगा। यीडा के सेक्टर 24 में वीवो मोबाइल प्राइवेट लिमिटेड 7000 करोड़ रुपए का निवेश का मोबाइल हैंडसेट बनाने की फैक्ट्री लगा रही है। 169 एकड़ भूमि पर लगाई जा रही इस फैक्ट्री के प्रथम चरण में छह करोड़ मोबाइल सेट बनाए जाएंगे। दूसरे चरण में इस फैक्ट्री की क्षमता बढ़ाई जाएगी, ताकि इस फैक्ट्री में हर वर्ष 12 करोड़ मोबाइल हैंडसेट बनाए जा सके। वीवो की इस फैक्ट्री में 60 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। वीवो की इस फैक्ट्री में बनाए जाने वाले हर मोबाइल से जीएसटी के रूप में सरकार को राजस्व प्राप्त होगा।
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वीवो के अलावा चीन की बड़ी कंपनी ओप्पो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड 2000 करोड़ रुपए का निवेश का ग्रेटर नोयडा में स्मार्ट फोन बनाएगी। ग्रेटर नोयडा में ही होलिटेच इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में मोबाइल फोन डिस्प्ले यूनिट लगाने का फैसला किया है। 1772 करोड़ का निवेश कर बनाए जाने वाली मोबाइल फोन डिस्प्ले यूनिट के लिए भूमि आंवटित हो चुकी है। नोएडा में लावा इलेक्ट्रानिक्स ने अपनी फैक्ट्री लगाकर वहां मोबाइल हैंडसेट बना रही है। सैमसंग ने भी बीते साल अपनी फैक्ट्री नोएडा में मोबाइल फोन मैन्यूफैक्चरिंग की फैक्ट्री लगाई है।
इसके अलावा प्रदेश सरकार की मैन्यूफैक्चरिंग पालिसी 2017 से प्रभावित होकर फ़ॉरमी ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड ग्रेटर नोएडा में और केएचवाई इलेक्ट्रानिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नोएडा में मोबाइल हैंडसेट बनाने की फैक्ट्री लगा रही हैं। चीन की विख्यात कंपनी सनवोडा इलेक्ट्रानिक्स ने भी ग्रेटर नोएडा में स्मार्टफोन, लिथियम बैटरी और प्लास्टिक मोबाइल केस बनाने की फैक्ट्री लगाने में रूचि दिखाई है। 1500 करोड़ का निवेश कर सनवोडा को ग्रेटर नोएडा में अपनी फैक्ट्री लगाने का निर्णय किया है।
यूपी में लगाई जा रही मोबाइल फोन मैन्यूफैक्चरिंग की इन फैक्ट्रियों को देख कर अब यह कहा जा रहा है कि देश में मोबाइल हैंडसेट के लिए अभी तक जो कंपनियां चीन की मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयों पर निर्भर थीं, वह अब उत्तर प्रदेश में अपने ब्रांड के मोबाइल हैंडसेट बनवा रही हैं। इनमें ओप्पो, वीवो, सैमसंग, लावा और फ़ॉरमी जैसी कंपनियां शामिल हैं। यही सभी कंपनियां करोड़ों मोबाइल हैंडसेट हर साल बनाएंगी। देश में मोबाइल हैंडसेट की आधे से अधिक मांग को सूबे में लगाई जा रही कंपनियों से ही पूरी होगी।
मोबाइल हैंडसेट बनाने के लिए राज्य में हो रहे इस निवेश पर इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) महकमें के अफसरों का कहना है कि प्रदेश सरकार की आईटी और मैन्यूफैक्चरिंग पालिसी 2017 तथा मोबाइल हैंडसेट निर्माण के क्षेत्र में आए इस बदलाव ने प्रदेश में मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में बड़ा निवेश हुआ है। इस वजह से नौकरियों के नए अवसर पैदा हुए हैं। अब जैसे-जैसे प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक व मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग का आधार बढ़ेगा, राज्य में ज्यादा-ज्यादा लोगों के लिए नौकरियों के अवसर पैदा होंगे।
इन अधिकारियों के अनुसार, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र देश में अपने यहां मोबाइल हैंडसेट के निर्माण को बढ़ावा दे रहे हैं। गर्व करने वाले बात यह है कि मोबाइल कंपनियों को आकर्षित करने में अब तक सबसे आगे उत्तर प्रदेश सरकार है। यूपी के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कई कंपनियां ने अपना प्लांट लगा रही हैं। कई कंपनियों ने अपनी फैक्ट्री लगाने के लिए आगे आयी हैं। अब इन सारी कंपनियों के सहारे जल्दी ही यूपी बनेगा मोबाइल फोन बनाने का सबसे बड़ा हब देश में बन जाएगा।