गौतमबुद्ध लोकसभा सीट (नोएडा) पर भाजपा, सपा-कांग्रेस और बसपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है और पिछली दो बार से यह सीट जीत रहे भाजपा के डॉ. महेश शर्मा के लिए इस बार सिकंदराबाद, जेवर और खुर्जा इलाके चुनौती बन गए हैं.इस लोकसभा सीट पर 26 अप्रैल को वोटिंग होनी है.
उत्तर प्रदेश के विंडो’ के रूप में पहचान रखने वाला गौतमबुद्ध नगर या नोएडा, रामायण और महाभारत काल की स्मृतियां संजोए हुए है. यहां के दनकौर में द्रोणाचार्य और बिसरख में रावण के पिता विश्वेश्रवा ऋषि का प्राचीन मंदिर आज भी स्थित है. इस जिले की स्थापना 9 जून 1997 को बुलंदशहर एवं गाजियाबाद जिलों के कुछ ग्रामीण व अर्ध शहरी क्षेत्रों को काटकर की गई थी. इस जिले का महत्व इसकी सीमा में आने वाली प्रमुख औद्योगिक इकाइयों और दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरीडोर के कारण तो है ही, नोएडा, ग्रेटर नोएडा जैसे अत्यधिक विकासशील औद्योगिक प्राधिकरणों के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में समायोजित कर लिए जाने से यह और भी अधिक विस्तृत हो गया है.
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साल 2008 के परिसीमन ने इस क्षेत्र को अलग पहचान दी और गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट अस्तित्व में आई. इस तरह गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास तीन चुनाव पुराना ही है. इससे पहले यह जिला खुर्जा लोकसभा सीट के अंतर्गत आता था. पिछले नतीजों की बात करें तो इस सीट के गठन के बाद वर्ष 2009 में इस पर हुए पहले चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने जीत हासिल की थी. इसमें बसपा के प्रत्याशी सुरेंद्र नागर ने भाजपा उम्मीदवार डॉ. महेश शर्मा को 15 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. इसके बाद 2014 में राजनीतिक समीकरण कुछ बदले तो डॉ महेश शर्मा ने चुनाव जीतकर भाजपा का खाता खोला. इस चुनाव में समाजवादी पार्टी दूसरे और बसपा तीसरे नंबर पर थी. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा के गठबंधन में गौतमबुद्ध नगर सीट पर बसपा के उम्मीदवार ने चुनाव लड़ा. डॉ. महेश शर्मा तीसरी बार भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े और लगातार दूसरी बार जीत हासिल करने में कामयाब रहे.
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2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने डॉ. महेश शर्मा के गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर हैट्रिक लगाने के दावे के साथ चौथी बार उम्मीदवार बनाया है. इस तरह गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट के गठन के बाद से हुए हर चुनाव में डॉ. महेश शर्मा भाजपा के टिकट पर मैदान में उतरे हैं. डा. शर्मा के सामने सपा-कांग्रेस गठबधन के प्रत्याशी और गुर्जर समाज से ताल्लुक रखने वाले डा. महेंद्र नागर और बसपा के राजपूत समाज से ताल्लुक रखने वाले राजेंद्र सिंह सोलंकी हैं. जातिगत समीकरणों के हिसाब से भाजपा नोएडा, दादरी विधानसभा क्षेत्र को ही अपने लिए सबसे ज्यादा सुरक्षित मानकर चल रही है. हालांकि खुर्जा और सिकंदराबाद विधानसभा सीट भगवा दल के लिए इस बार कुछ चुनौतीपूर्ण हो गई हैं. सिकंदराबाद और खुर्जा में ठाकुर मतदाताओं की आबादी अपेक्षाकृत अधिक है और पिछले कुछ दिनों से क्षत्रिय समाज के एक तबके में भाजपा के विरोध में स्वर दिखाई दिये है. इसके अलावा पिछले वर्ष त्यागी समाज से हुए विवाद के बाद भी इस बार डॉ. महेश शर्मा का कुछ इलाकों में विरोध हो रहा है. इसलिए भाजपा संगठन सिकंदराबाद और खुर्जा पर खास ध्यान दे रहा है.
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लोकसभा चुनाव से पहले सिकंदराबाद विधानसभा क्षेत्र में ही पीएम मोदी की रैली हुई थी. सिकंदराबाद विधानसभा क्षेत्र के झाझर में 18 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसभा की.गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर भाजपा की चुनौती देख विपक्षी दल भी इसी इलाके में जोर लगा रहे हैं.
सपा के प्रत्याशी डॉ. महेंद्र नागर ग्रेटर नोएडा में लंबे समय तक कांग्रेस में सक्रिय रहे हैं. कांग्रेस इस बार सपा के साथ गठबंधन में है. वहीं बसपा उम्मीदवार राजेंद्र सिंह सोलंकी सिकंदराबाद के पूर्व विधायक हैं. पश्चिम यूपी में भाजपा के विरोध में उठे स्वर के बीच ठाकुर समाज से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी को खासी उम्मीद है. इससे भी गौतमबुद्ध नगर सीट पर भाजपा उम्मीदवार डॉ. महेश शर्मा की चुनौती बढ़ी है. इसी तरह गौतमबुद्ध नगर लोकसभा क्षेत्र में शामिल जेवर विधानसभा क्षेत्र में भी मतदाताओं का मिजाज मिलाजुला देखने को मिल रहा है.
लोकसभा के 2014 और 2019 के जो दो चुनाव भाजपा जीती है इनमें जेवर सीट पर जीत का अंतर 4 अन्य सीटों के मुकाबले सबसे कम रहा है. अगर आंकड़ों की बात करें तो यह बढ़त सात हजार के आसपास ही ठहरती है. वहीं भाजपा उम्मीदवार डॉ. महेश शर्मा गौतमबुद्ध नगर सीट पर शहरी मतदाताओं पर भरोसा जता रहे हैं. डॉ. महेश शर्मा शहरी मतदाताओं के साथ गुर्जर, जाट और अति पिछड़ा वर्ग पर अधिक जोर दे रहे हैं. भाजपाई ब्राह्मण, वैश्य, पंजाबी, कायस्थ और प्रवासी मतदाताओं को अपना परंपरागत वोट मानते हुए वंचितों और खासकर मुस्लिम समुदाय की महिला मतदाताओ में सेंध लगाने में जुटे हैं. गौतमबुद्ध लोकसभा सीट पर तकरीबन 27 लाख मतदाता हैं. गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर पांच विधानसभा क्षेत्र नोएडा, दादरी, जेवर, खुर्जा और सिकंदराबाद हैं.
यहां का जातीय परिद्रश्य कुछ इस प्रकार है-
क्षत्रिय – 4,00000
ब्राह्मण – 3,50000
गुर्जर – 3,50000
दलित – 4,00000
वैश्य – 3,00000
मुस्लिम – 3,00000
त्यागी – 2,00000
यादव – 2,00000
जाट – 1,00000
अन्य – 1,00000