अब स्नातक के आखिरी सेमेस्टर में रोजगार की ट्रेनिंग अनिवार्य

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अब स्नातक के आखिरी सेमेस्टर में रोजगार की ट्रेनिंग अनिवार्य

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August 09, 2020

अब स्नातक के आखिरी सेमेस्टर में रोजगार की ट्रेनिंग अनिवार्य

नई दिल्ली। अब सामान्य डिग्री प्रोग्राम (बीए, बीकॉम, बीएससी) के आखिरी वर्ष के छात्रों को आखिरी सेमेस्टर में रोजगार की अनिवार्य ट्रेनिंग मिलेगी। यूजीसी ने सामान्य डिग्री प्रोग्राम के छात्रों के लिए पहली अप्रेंटिसशिप / इंटर्नशिप के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

फिलहाल शुरुआत में यह ट्रेनिंग 20 क्रेडिट की होगी। हालांकि, विश्वविद्यालय चाहें तो इन क्रेडिट को बढ़ा सकेंगे। अप्रेंटिसशिप / इंटर्नशिप ट्रेनिंग में छात्र बहुविषयक (अपने पाठ्यक्रम से इतर) विषयों को चुन सकेंगे।

बीए, बीकॉम, बीएससी जैसे सामान्य डिग्री प्रोग्राम के छात्र जब स्नातक की डिग्री लेकर कैंपस से निकलते हैं तो उनके पास रोजगार कौशल नहीं होता है। एक अनुमान के मुताबिक, 2030 तक दुनियाभर में सबसे अधिक युवा भारत में होंगे। ऐसे में रोजगार की सबसे अधिक जरूरत होगी। इसी के मद्देनजर पहली अप्रेंटिसशिप / इंटर्नशिप दिशा-निर्देश तैयार किया गया है, ताकि बीए, बीएससी, बीकॉम प्रोग्राम के छात्र कॉलेज से अब बहुविषयक डिग्री लेकर निकल सकें। स्नातक डिग्री प्रोग्राम के आखिरी साल में अंतिम सेमेस्टर अप्रेंटिसशिप / इंटर्नशिप पर आधारित होगा।

इस दौरान उन्हें किसी भी विषय पर आधारित अप्रेंटिसशिप / इंटर्नशिप करनी होगी। अप्रेंटिसशिप में उन्हें बाकायदा इंडस्ट्री की तरफ से वेतन मिलेगा। इसके अलावा इंटर्नशिप में स्टाइपेंड होगा। छात्र अपने भविष्य के आधार पर दोनों में से किसी एक को चुन सकेगा।

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24 क्रेडिट वाले विषय में मॉस्टर डिग्री का मौका

च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत स्नातक में अप्रेंटिसशिप / इंटर्नशिप के साथ जिस विषय में छात्र ने 24 क्रेडिट लिए होंगे, उसी में उसे स्नातकोत्तर प्रोग्राम (एमए, एमएसी,तकनीकी, व्यावसायिक आदि) की पढ़ाई का मौका भी मिलेगा। उदाहरण के रूप में यदि कोई छात्र अर्थशास्त्र में 24 क्रेडिट के साथ बीबीए ( लॉजिस्टिक्स अप्रेंटिसशिप ) किया हो तो वह अर्थशास्त्र में एमए, एमएससी पाठ्यक्रम में दाखिला ले सकेगा।

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पाठ्यक्रम उत्तीर्ण करना जरूरी

अप्रेंटिसशिप या इंटर्नशिप पाठ्यक्रम उत्तीर्ण करना जरूरी होगा। असफल होने या अपूर्ण अप्रेंटिसशिप / इंटर्नशिप प्रशिक्षण के लिए परीक्षा में दोबारा बैठना अनिवार्य होगा। अप्रेंटिसशिप / इंटर्नशिप पाठ्यक्रम में छात्र द्वारा प्राप्त अंकों को सेमेस्टर और अंतिम ग्रेड शीट में दर्शाया जाएगा।

फिक्की, सीआईआई, वाणिज्यिक और गैर-वाणिज्यिक संगठन करेंगे मदद

शिक्षण संस्थानों में अप्रेंटिसशिप या इंटर्नशिप के लिए फिक्की, सीआईआई, वाणिज्यिक और गैर-वाणिज्यिक जैसे संगठन मदद करेंगे। इसके लिए बाकायदा विश्वविद्यालयों और इन संगठनों के बीच समझौता होगा। समझौते के तहत अप्रेंटिसशिप या इंटर्नशिप की सभी जानकारियां सार्वजनिक करनी होगी। उद्योग संगठनों को छात्रों को आखिरी में सर्टिफिकेट भी देना होगा।

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स्नातक में 80 फीसदी लिखित पाठ्यक्रम

स्नातक कार्यक्रम में सामान्य डिग्री प्रोग्राम में अब सिर्फ 80 फीसदी पाठ्यक्रम लिखित रहेगा, जबकि 20 फीसदी अप्रेंटिसशिप या इंटर्नशिप पर आधारित क्रेडिट का होगा। इसी के आधार पर मॉर्क्सशीट में ये क्रेडिट भी जुड़ेंगे।

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