लखनऊ । समाजवादी पार्टी (सपा) की मौजूदा राज्यसभा सांसद जया बच्चन, पूर्व आईएएस अधिकारी आलोक रंजन और पूर्व मंत्री रामजी लाल सुमन ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले द्विवार्षिक चुनाव के लिये सपा उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया। विधान भवन के सेंट्रल हॉल में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, उनके चाचा और राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह और अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में सपा उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया।
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अभिनेत्री जया बच्चन को लगातार पांचवीं बार पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया है। वह 2004 से सपा की राज्यसभा सदस्य थीं और उनका कार्यकाल दो अप्रैल को समाप्त होने वाला है। इसी तरह पूर्व आईएएस आलोक रंजन पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश के कार्यकाल के दौरान मुख्य सचिव के रूप में कार्य किया। इसके अलावा उन्हें सपा मुखिया का प्रमुख रणनीतिकार भी माना जाता है।
चार बार सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुके रामजी लाल सुमन वर्तमान में सपा के राष्ट्रीय महासचिव पद पर कार्यरत हैं। चूंकि वह दलित समुदाय से आते हैं, इसलिए माना जा रहा है कि पार्टी ने लोकसभा चुनाव से पहले इस समुदाय को संतुलित करने का प्रयास किया है।
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यूपी विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से देखें तो एसपी के लिए तीनों उम्मीदवारों को जिताना आसान काम नहीं होगा। 403 सीटों वाले सदन में सपा के 108 सदस्य हैं और एक उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी को कम से कम 37 सदस्यों के वोट की जरूरत है। जयंत चौधरी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के सपा से किनारा करने के बाद सपा को अपने तीसरे प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने के लिये कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है क्योंकि प्राप्त जानकारी के अनुसार सपा के टिकट पर विधायक बनी अपना दल कमेरावादी की पल्लवी पटेल ने भी सपा के राज़्यसभा प्रत्याशी को वोट देने से इंकार किया है। रालोद के विधानसभा में नौ सदस्य हैं। सदन में कांग्रेस के दो सदस्य अगर सपा उम्मीदवारों के पक्ष में वोट भी कर दे तो भी उसके पास वोटों की कमी रहेगी।