- एसओजी सर्विलेंस व औरैया कोतवाली पुलिस को मिली सफलता
- फर्जी आईडी पर सिम कार्ड लेकर करते थे ठगी
- पकड़े गए ठगों को लेकर जानकारी देते एसपी अभिषेक वर्मा
औरैया। एसओजी, साइबर,सर्विलेंस और औरैया कोतवाली पुलिस ने एक साझा अभियान में फर्जी आईडी पर सिम कार्ड लेकर यूपीआई फोन पे के जरिए ठगी करने वाले तीन साइबर ठगों को दबोच कर जेल भेज दिया है। हां जी का पैसा निकालने के लिए फर्जी आईडी पर बैंकों में अकाउंट भी खोले गए थे।
औरैया कोतवाली में सोमवार को पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि पुलिस टीमों द्वारा विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक मैनुअल साक्ष्यों को संकलित कर कुछ लोगों को चिन्हित किया गया था।
यह भी देखें : झंडा लगाओ कार्यक्रम में सपा नेता का बड़ा ब्यान, कहा सरकार तो बना ही लेंगे
किसी एक रानी एसओजी, सर्विलांस व साइबर तथा औरैया कोतवाली पुलिस टीम ने ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को डीपीएस स्कूल के पास से दबोच लिया। इनके पास से विभिन्न कंपनियों के 8 मोबाइल फोन, फर्जी आईडी पर प्राप्त किए गए सिम कार्ड व नगदी बरामद हुई है। पुलिस ने त्रिवेंद्र शर्मा उर्फ तरन पुत्र हाकिम शर्मा निवासी ग्राम देवसेरस थाना गोवर्धन जनपद मथुरा, नरेश पुत्र प्रेम सैनी निवासी कंचनपुरा थाना गोवर्धन मथुरा, लोकेश उर्फ कलुआ पुत्र दिनेश निवासी मुडसेरस थाना गोवर्धन को गिरफ्तार किया है। जबकि दो अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।पकड़े गए ठगों के खिलाफ इटावा, बदायूं और औरैया के विभिन्न थानों में कई मामले दर्ज हैं।
यह है ठगी करने का तरीका
पकड़े गए मुख्य अभियुक्त रविंद्र शर्मा ने बताया कि अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर पश्चिम बंगाल व असम के रिश्तेदारों व दलालों के माध्यम से फर्जी आईडी पर सिम कार्ड 1000 रुपए में लेते हैं। इन सिम कार्ड के द्वारा हम लोग रेंडमली नंबरों पर कॉल करते हैं तथा उनसे रिश्तेदार दोस्त बता कर उनसे बात करते हैं फिर उन्हें भरोसे में लेकर उनके यूपीआई फोन पर के माध्यम से पैसे भेजने की बात करते हैं। फिर अमेजॉन, फ्लिपकार्ट एवं अन्य ई कॉमर्स शॉपिंग प्लेटफार्म के माध्यम से पेमेंट रिक्वेस्ट उनके फोन पर पर भेजते हैं तथा कॉल पर ही पेमेंट रिक्वेस्ट पर पे बटन दबाने के लिए बोलते हैं।पे बटन दबाने पर यूपीआई पिन डालते ही उनके खाते से पैसा ऑनलाइन अपने बैंक खाते में डलवा लेते हैं। ठगी के लिए उक्त अकाउंट भी फर्जी आईडी पर ऑनलाइन ही खोल रखे हैं। इन पैसों को ठग अपने साथियों के अकाउंट पेट्रोल पंप ऑनलाइन शॉपिंग आदि के माध्यम से निकलवा कर प्रयोग करते हैं।