लखनऊ । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक अदालत ने धोखाधड़ी के एक मामले में तीन बैंक अधिकारियों को तीन साल के कारावास की सजा सुनायी है। आधिकारिक प्रवक्ता ने बुधवार को यहां बताया कि बैंक धोखाधड़ी मामले में सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश ने पंजाब एंड सिंध बैंक गडरियन पुरवा शाखा कानपुर के तत्कालीन शाखा प्रबंधक गुरचरण सिंह, बैंक अधिकारी जेपी गुप्ता, बैंक अधिकारी राम नाथ आर्य को तीन साल की कठोर कारावास और पांच लाख 40 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी है।
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सीबीआई ने 28 सितंबर 2004 को आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपी गुरुचरण सिंह और जे.पी. गुप्ता 2002-04 की अवधि में पंजाब एंड सिंध बैंक, गडेरियन पुरवा शाखा, कानपुर में क्रमशः शाखा प्रबंधक और अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। इन्होने कानपुर की एक निजी कंपनी के मालिक के साथ साजिश रचकर एक चालू खाता खोला और 28 जाली आईबीआर वाराणसी और गोरखपुर से जारी किए और चालू खाते में 66.89 लाख रुपये जमा किये। सीबीआई ने 25 जुलाई 2007 को दोषी ठहराए गए तीन लोक सेवकों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। सुनवाई के बाद कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी पाया और उन्हें सजा सुनाई।