- चीन दादागीरी करने से बाज नहीं आ रहा
- अमेरिका के विदेश उपमंत्री ने कहा कि हम भारत को विश्व शक्ति बनाने की इच्छा रखते है
वॉशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जोर देते हुए कहा कि भारत-चीन सीमा पर हालात ‘बहुत ही खराब हैं और चीन अधिक मजबूती के साथ इसे बढ़ाने जा रहा है । उन्होंने कहा कि वह इस मामले में शामिल होना और मदद करने चाहेंगे। व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में ट्रंप ने कहा, सीमा पर चीन और भारत के बीच हालात बहुत खराब हैं।
ट्रंप ने दोहराया कि वह इस बारे में भारत और चीन दोनों से बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा, भारत और चीन के संबंध में, हम मदद करने के लिए तैयार हैं। अगर हम कुछ कर सकते हैं, तो हम उसमें शामिल होना और मदद करना चाहेंगे। इस बारे में हम दोनों देशों से बात कर रहे हैं।
इस संबंध में सवाल करने पर की क्या चीन भारत के साथ दादागिरी करने की कोशिश कर रहा है, ट्रंप ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि ऐसी बात न हो, साथ ही कहा कि चीन ‘‘निश्चित ही यह करने जा रहा है। ट्रंप ने कहा, मैं उम्मीद करता हूं कि ऐसा न हो…लेकिन वह (चीन) निश्चित ही यह करने जा रहा है। ज्यादातर लोग जितना समझ रहे हैं।
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उधर अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक ने अभी हाल ही में कहा था कि अमेरिका भारत को विश्व शक्ति बनने में मदद करने को इच्छुक है जो सुरक्षातंत्र में योगदान देता है। इसके साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन बेहतरीन रक्षा क्षमता के साथ भारत का समर्थन करने को उत्सुक है। अमेरिका के उप विदेश मंत्री स्टीफन बेगुन ने यह टिप्पणी अमेरिक-भारत रणनीतिक और साझेदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) द्वारा आयोजित तीसरे भारत-अमेरिका नेतृत्व सम्मेलन में की जिसे डिजिटल माध्यम से आयोजित किया गया था।
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उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे पुराने और सबसे विशाल लोकतंत्र के बीच साझेदारी गत दो दशक में लगातार मजबूत हुई है और इसके आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत रिचर्ड वर्मा के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत को सुरक्षा तंत्र में योगदान करने के लिए विश्व स्तरीय ताकत बनने में मदद करने को इच्छुक हैं। मैं मानता हं कि रक्षा सहयोग इसमें महत्वपूर्ण है। बता दें कि वर्मा ने पूछा था कि अमेरिका रक्षा सहयोग, निर्यात नियंत्रण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के संबंध में और क्या कर सकता है। सुरक्षा तंत्र मुहैया कराने वाले सुरक्षा चिंताओं का सामना सामान लक्ष्य के साथ विभिन्न देशों के साथ साझेदारी कर करते हैं।
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उप विदेश मंत्री ने कहा कि प्रतिरोधात्मक रुझानों में से एक, भारत की रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की इच्छा है और उसे मैं समझता हूं। कोई भी देश पूरी तरह से दूसरे देश पर निर्भर नहीं रहना चाहता है। यहां तक कि भारत और अमेरिका की करीबी साझेदारी में भी, अभी समय है जिसका परीक्षण क्षेत्र में होने वाली घटनाओं या देशों से हो जाएगा।
उन्होंने कहा, मैं समझता हूं, लेकिन मैं मानता हूं कि भारत को बेहतरीन रक्षा क्षमता देने के मामले में अलग नहीं किया जा सकता है, मैं मानता हूं कि भारत को आने वाले हफ्तों या महीनों में अमेरिका में उन खास क्षेत्र में बहुत ही इच्छुक और सृजनात्मक सोच वाला साझेदार मिलने जा रहा है।
बेगुन ने कहा कि गत दो दशक में चार अमेरिकी राष्ट्रपतियों और तीन भारतीय प्रधानमंत्रियों ने राजनीतिक विचार से इतर भारत-अमेरिका साझेदारी में निवेश किया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ने अपने उत्तराधिकारी को बेहतर रिश्ते की विरासत सौंपी।
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