- इकाइयों पर खोले जाएंगे परिवार नियोजन के अलग काउंटर
- आज मनाया जाएगा पीएमएसएमए दिवस
- जूम मीटिंग के जरिए महाप्रबंधक ने दिए निर्देश
कानपुर नगर: कोरोना संकट के बीच गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) हर माह की नौ तारीख को मनाया जाता है। इस बार एचआरपी (हाई रिस्क प्रेग्नेंसी) महिलाओं की लाइन लिस्टिंग और परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य इकाइयों पर अलग से काउंटर लगाए जाएंगे। मंगलवार को आयोजित जूम मीटिंग में मातृ स्वास्थ्य महाप्रबंधक डा. ऊषा गंगवार ने मंडल व जिला स्तरीय अधिकारियों को यह निर्देश दिए हैं।
डॉ. गंगवार ने कहा कि एचआरपी महिलाओं की लाइन लिस्टिंग एवं ट्रैकिंग इसलिए आवश्यक है, जिससे की प्रसव उपरांत उन्हें परिवार नियोजन की सेवा प्रदान की जा सके। गर्भवती के साथ आने वाले तीमारदारों को बास्केट आफ च्वाइस के प्रति जागरूक किया जा सके। कोविड-19 की गाइड लाइन का पालन करते हुए स्वास्थ्य इकाइयों में सैनेटाइजेशन करवाएं । महिलाओं व उनके साथ आए तीमारदारों की सोशल डिस्टिेंसिंग के साथ बैठना सुनिश्चित करें। इसके अलावा एएनएम व आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से द्वितीय व तृतीय माह की गर्भवतियों को पीएमएसएमए दिवस पर चिन्हित स्वास्थ्य इकाइयों पर लाने के लिए निर्देशित करें।
उन्होंने कहा कि प्रसव पूर्व जांच के लिए पीएमएसएमए क्लीनिक की संख्या में वृद्धि की जाए। गर्भवतियों को क्लीनिक तक लाने ले जाने के लिए 102 एंबुलेंस सेवा का ब्लाकवार माइक्रोप्लान तैयार करने के निर्देश दिए हैं। जूम मीटिंग में अपर मिशन निदेशक प्रांजल यादव, कम्यूनिटी प्रोसेस महाप्रबंधक डा. राजेश झा, मातृ स्वास्थ्य निदेशक डा. लिली, ईएमटीएस महाप्रबंधक पराग वरद पांडे, परिवार कल्याण सलाहकार अरविंद उपाध्याय, यूनीसेफ से प्रशांत कुमार व यूपीटीएसयू की सीमा टंडन भी मौजूद रहीं ।
परिवार कल्याण कार्यक्रम के जनपदीय नोडल अधिकारी डॉ एके सिंह ने बताया कि जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर बुधवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया जायेगा। उन्होंने बताया की जिला अस्पतालों सहित समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर परिवार नियोजन काउंसलर तथा स्टाफ नर्स की मदद से सभी गर्भवतियों को परिवार नियोजन का परामर्श दिया जायेगा। साथ ही उपकेंद्रों पर कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर तथा एएनएम द्वारा काउंसलिंग की जायेगी। गर्भवती महिलाओं के साथ आने वाले तीमारदार जो कि योग्य दंपत्ति की श्रेणी में आते हैं उनकी भी काउंसलिंग करके उन्हें उचित साधन प्रदान किये जायेंगे और उनका पूर्व पंजीकरण करके प्रत्येक माह की 21 तारीख को मनाये जाने वाले खुशहाल परिवार दिवस के दौरान परिवार नियोजन की सेवायें प्रदान की जायेंगी।
उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था में होने वाले खतरों से बचाती है प्रसव पूर्व जांच
जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता है हरिशंकर मिश्रा बताते हैं कि किसी भी गर्भावस्था में जहाँ जटिलताओं की संभावना अधिक होती है उस गर्भावस्था को हाई रिस्क प्रेगनेंसी या उच्च जोखिम वाली गर्भवस्था में रखा जाता है। और इसका पता लगाने के लिए प्रशिक्षित डॉक्टर्स के द्वारा प्रसव पूर्व चार सम्पूर्ण जांच कराना बहुत जरूरी होता है। जिससे कि समय रहते इसका पता लगाकर, इससे होने वाले खतरों से गर्भवती को बचाया जा सके।