लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने बुधवार को कहा कि आश्रय गृहों में रहने वाले बच्चों की व्यवस्थाओं में कोई कमी न हो।
यहां राजभवन के गांधी सभागार में बुधवार को आयोजित उत्तर प्रदेश बाल कल्याण परिषद की कार्यकारिणी समिति एवं वार्षिक आम सभा की बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल ने परिषद की जनरल सेक्रेटरी रीता सिंह द्वारा आर्थिक अनुदान प्राप्त करने में आ रही दिक्कतों तथा कोविड-19 काल में अन्य संस्थानों और व्यक्तिगत दान-दाताओं से प्राप्त आर्थिक सहायता में आई कमी की चर्चा को गम्भीरता से लेते हुए कहा कि बाल कल्याण परिषद बच्चों के कल्याण के लिए ही बना है और अभिभावकों के आश्रय से छूटे, किन्ही कारणों से घर से भागे बच्चों को यहाँ आश्रय मिलता है।
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सामाजिक सहयोग इन बच्चों के संरक्षण की समुचित व्यवस्थाओं का बहुत बड़ा आधार होता है। उन्होेंने परिषद को निर्देश दिया कि वे अपनी आवश्यकताओं का प्रस्ताव बनाकर सहायता समूहों, सामाजिक सहायता हेतु दान देने वाले लोगों से सम्पर्क करके प्रस्ताव के आधार पर पूर्ति के लिए आग्रह करें। उन्होंने परिषद द्वारा लघु गृह उद्योग लगाकर आवासित महिलाओं के सहयोग से आर्थिक उपार्जन के प्रयासों की प्रगति की समीक्षा भी की।
राज्यपाल ने बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक सारिका मोहन को केन्द्र सरकार से प्राप्त बजट से बाल कल्याण परिषद के अनुदान अंश को शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि छात्रावासों, बाल गृहों, महिलाओं हेतु संरक्षण गृहों में आवासित संवासियों की मूलभूत आवश्यकताओं और उचित भोजन व्यवस्थाओं में कमी न हो इसके लिए अधिकारी सहृदयता पूर्वक कार्य करें।
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बैठक में राज्यपाल ने परिषद द्वारा प्रस्तुत वर्ष 2019-20 की बैठक की कार्रवाई, वार्षिक प्रगति आख्या 2020-21, आडिटेड लेखे आय-व्यय विवरण 2020-21 तथा 2021-22 पर चर्चा की और अनुमोदन दिया साथ ही वन विभाग के प्राप्त भूमि की लीज नवीनीकरण के बिन्दु पर भी चर्चा की गई। बैठक में उपस्थित वन अधिकारी रवि सिंह को बाल कल्याण परिषद के पदाधिकागणों के साथ बैठक करके सभी कागजी कार्रवाई पूरी कराने तथा लीज नवीनीकरण की कार्रवाई कराने के निर्देश दिए।
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